बंगाल की खाड़ी का समुद्री तट। हम यहां पहुंचे तो सामने ही दिखा डॉलफिन की पहाड़ियों से घिरा हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड (एचएसएल)। यहां के एक यार्ड में बीते साढ़े तीन साल से एक सीक्रेट प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। अंदर गए तो देखा यहां वीसी11184 नाम से एक खुफिया आधुनिक वॉरशिप बनाया रहा है। यह साल 2018 से भारत को सामरिक दृष्टि से बेहद ताकतवर बनाने जा रहा है। - यह एडवांस इलेक्ट्रॉनिक एंड ट्रैकिंग सर्विलांस जहाज है, जो बैलिस्टिक व क्रूज मिसाइल के लॉन्च होते ही उसे ट्रैक करेगा। - इस तरह का सर्विलांस शिप अभी तक अमेरिका, रूस, चीन व फ्रांस के पास ही है। - 2018 में हमारी नौसेना को ये जहाज मिलते ही हम भी इन देशों के क्लब शामिल में हो जाएंगे। - यह प्रोजेक्ट कितना सीक्रेट है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसे सीधे पीएमओ और एनएसए अजीत डोभाल मॉनिटर कर रहे हैं। 725 करोड़ रु होगी लागत - इसे बनाने में 300 लोगों की टीम दिन-रात काम कर रही है। यहां तक कि यार्ड संख्या 11184 में तीन साल से किसी को अंदर जाने की परमिशन टॉप लेवल से मिलने के बाद ही दी जाती है। इसके चलते इस शिप का अब तक एक ही फोटो बाहर आ सका है। - इसकी लागत 725 करोड़ रुपए होगी। इसके निर्माण से जुड़े सत्यम रेड्डी, कार्तिक प्रसाद, चिन्नैया, एम. बाबू (सभी बदले हुए नाम) बताते हैं कि वे अभी तक 76 साल के इतिहास में यहां 179 जहाज बनाए जा चुके हैं, इनमें से 21 जहाज डिफेंस के लिए तैयार किए गए। लेकिन पहली बार इस वॉरशिप में इतनी सावधानी और गोपनीयता बरती जा रही है। समुद्री तूफान हुदहुद ने यार्ड में मचा दी थी तबाही - 2015 में आए भीषण समुद्री तूफान हुदहुद ने यार्ड में तबाही मचा दी थी। तूफान के जाते ही एचएसएल की टीम के लोग पूरी ताकत से यार्ड की मरम्मत में जुट गए। - ये लोग कहते हैं कि विपरीत हालात के बावजूद दूसरे यार्ड में जहाज का काम छोड़ हम लोग इसके निर्माण में लगे रहे। - पंद्रह दिन में फिर से जहाज का निर्माण शुरू होने से प्रोजेक्ट लेट होने से बच गया। निर्माण का आनंद इस प्रोजेक्ट में लगे हर व्यक्ति के भीतर है। यह हमें पराक्रम भी देता हैै।