ओडिशा की इंजीनियरिंग ग्रेजुएट चंद्राणी मुर्मू (25 साल 11 महीने) 17वीं लोकसभा की सबसे युवा सांसद बनीं। उन्होंने राज्य की आदिवासी बाहुल्य क्योंझर सीट से बीजद के टिकट पर चुनाव लड़ा और दो बार के भाजपा सांसद अनंत नायक के खिलाफ 66,203 वोट से जीत हासिल की। चंद्राणी लोकसभा में अब तक की सबसे युवा महिला सांसद भी होंगी। 16 जुलाई को उनका 26वां जन्मदिन है। उम्मीद है कि इससे पहले वे शपथ ले लेंगी। चंद्राणी 2017 में भुवनेश्वर के कॉलेज से बीटेक करने के बाद सरकारी नौकरी की तैयारी कर रही थीं। मार्च में चाचा हरमोहन सोरेन ने उनसे चुनाव लड़ने के बारे में पूछा था, तब चंद्राणी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। नौकरी से रिटायर होकर सामाजिक कार्यों में जुटे हरमोहन को लगता था कि भाजपा उम्मीदवार के खिलाफ चंद्राणी योग्य उम्मीदवार हो सकती हैं। इसके लिए उन्होंने बीजद नेताओं से संपर्क किया। 1 अप्रैल को मुख्यमंत्री कार्यालय से मैसेज मिला कि चंद्राणी का टिकट फाइनल हो गया है। युवाओं के लिए रोजगार चंद्राणी की प्राथमिकता जीत के बाद चंद्राणी ने कहा था कि वह क्षेत्र के विकास और खासतौर पर युवाओं के रोजगार, महिलाओं और आदिवासियों के मुद्दों को लेकर काम करेंगी। जनता से बड़े-बड़े वादे करने से इतर जमीनी स्तर पर योजनाओं के नतीजों पर ध्यान देंगी। खनिज संपदा के भरपूर होने के बाद भी क्योंझर में चारों और बेरोजगारी फैली हुई है। अब तक दुष्यंत के नाम था यह रिकॉर्ड इससे पहले दुष्यंत चौटाला सबसे युवा सांसद चुने गए थे। पिछले लोकसभा चुनाव में 26 की उम्र में उन्होंने हरियाणा की हिसार सीट पर कुलदीप बिश्नोई को 31 हजार वोट से हराया था। इसके बाद उनका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ था। तेजस्वी सूर्या भाजपा के सबसे युवा सांसद नई संसद में पिछली बार से ज्यादा युवा और महिलाएं पहुंची हैं। पहली बार 76 (14.23%) सांसद चुनी गईं। 2014 में इनकी संख्या 61 थी। इसके अलावा 21 से 40 साल के बीच के 59 सांसद हैं। बेंगलुरु साउथ से जीते तेजस्वी सूर्या (28 साल) भाजपा के सबसे युवा सांसद हैं। सूर्या ने कांग्रेस के बीके हरिप्रसाद को तीन लाख से ज्यादा वोट से हराया। दूसरी ओर, इस बार की संसद पिछली बार से ज्यादा पढ़ी-लिखी है। 225 सांसद ग्रेजुएट हैं, सिर्फ 7 जनप्रतिनिधि पांचवीं से कम पढ़े लिखे हैं।