फ्रांस के बियारिट्ज में 45वीं जी-7 समिट के आखिरी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प समेत दुनिया के 15 नेताओं से मुलाकात की। तीन देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ द्विपक्षीय बातचीत की। समिट के 2 सत्र को भी संबोधित किया। इससे पहले मोदी का समिट में पहुंचने पर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने स्वागत किया। पीएम ने यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन से बातचीत की। इसके बाद मोदी ने जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल, जापान के पीएम शिंजो आबे, कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो आदि से मुलाकात की। इस दौरान प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया कि महासचिव के साथ बातचीत शानदार रही। उनके साथ कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। सेनेगल के राष्ट्रपति मैकी सैल के साथ भी मोदी ने बातचीत की। कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद मोदी पहली बार दुनिया के टॉप सात नेताओं से एक साथ मिले कश्मीर से 370 हटाने के बाद जी-7 में मोदी दुनिया के टॉप नेताओं से पहली बार मिले। मोदी ने इन नेताओं को कश्मीर पर भारत के रुख को बताया। नतीजा यह रहा कि कश्मीर मुद्दे को समिट के एजेंडे से बाहर रखा गया। समिट में दुनिया के करीब 15 देशों के राष्ट्राध्यक्ष मौजूद रहे। पर किसी ने इसका जिक्र तक नहीं किया। यूएन महासचिव ने भी कोई बयान नहीं जारी किया। जी-7 के 6 राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प के इर्द-गिर्द सिमटे, मैक्रों ने रूस की वकालत की जी-7 समिट में जो कुछ दिखा, वो छुपी हुई कहानी बयां कर रहा है। सोमवार को ट्रम्प ने कहा कि फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों की ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जरीफ से बियारिट्ज में मुलाकात का उन्हें पहले से पता था। इसे मैंने ही अनुमति दी थी। समिट में देखने को मिला कि ग्रुप के अन्य 6 राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प के इर्द-गिर्द ही सिमटे रहे। वे ट्रम्प को ही समझाते देखे गए। वहीं, ट्रूडो, मैक्रों, जॉनसन अपनी अवाम को यह दिखाने कोशिश की- वे ट्रम्प की तुलना में कितने गंभीर हैं।