गोरखपुर ट्रेजेडी मामले पर योगी सरकार के एक्शन के बाद यूपी के कई हॉस्पिटल और मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टर और प्रिंसिपल घबरा गए हैं। सहारनपुर, झांसी और आगरा मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने इस्तीफे की पेशकश की है। इस्तीफे के पीछे की वजह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाई है। इससे मेडिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट में हड़कंप मच हुआ है।बताई जा रही है ये वजह... - मेडिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट के एक बड़े अफसर ने नाम न छापने की शर्त बताया, ''प्रदेश के अधिकांश मेडिकल कॉलेजों का इन्फ्रास्ट्रक्चर खराब है। - गोरखपुर ट्रेजेडी मामले में योगी सरकार ने वहां के प्रिंसिपल राजीव मिश्रा को हटा दिया, जबकि उनकी वाइफ डॉ. पूर्णिमा शुक्ला को सस्पेंड कर दिया गया। - वहीं, डॉ. कफील से इंसेफलाइटिस वार्ड के इंचार्ज की जिम्मेदारी छीन ली गई है। इन सबकी भूमिका की जांच की जा रही है। - इस फैसले से यूपी के कई अन्य हॉस्पिटल और मेडिकल कालेजों के डॉक्टर और प्रिंसिपल घबरा गए हैं। - गड़बड़ियों की जांच में न फंसकर उनकी पेंशन न बंद हो जाए। इसलिए वे कार्रवाई से पहले ही इस्तीफे की पेशकश कर रहे हैं। इन्होंने की इस्तीफे की पेशकश - सहारनपुर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर आनंद स्वरूप। - झांसी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल एन सेंगर। - आगरा मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल सरोज सिंह शामिल इसमें शामिल हैं। - वहीं, मेडिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट के डायरेक्टर डॉ. केके गुप्ता ने इस्तीफे की पेशकश की बात से साफ इंकार किया है। क्या कहते हैं डाक्टर्स ? - केजीएमयू के डॉक्टरों का कहना है, ''प्रदेश के 14 में से अधिकांश मेडिकल कॉलेजों की हालत खस्ताहाल है। गोरखपुर की बीआरडी मेडिकल कॉलेज में शुरू से ही अव्यवस्थाएं रही है।'' - ''प्रदेश के अन्य हॉस्पिटल और मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टरों को आए दिन पेशेंट की डेथ होने पर जलील किया जाता है, थोड़ा सा भी हंगामा होने पर प्रशासन डॉक्टरों पर मुकदमा दर्ज कर देता है।'' - ''एक तरफ नए डॉक्टर सरकारी सेवा में नहीं आना चाहते। वहीं, सरकार है कि डॉक्टरों को छोटी-छोटी गलतियों पर सस्पेंड करने में लगी है।'' - ''ऐसे माहौल में काम करना मुश्किल हो रहा है। इसलिए डॉक्टर सरकारी सेवा को छोड़कर प्राइवेट प्रैक्टिस में आना चाहते हैं।'' क्या है गोरखपुर ट्रेजडी? - बाबा राघव दास (BRD) मेडिकल कॉलेज में 7 अगस्त से लेकर 12 अगस्त तक 30 बच्चों समेत 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। आरोप है कि ये मौतें हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की सप्लाई बंद होने की वजह से हुईं। - कहा जा रहा है कि पुष्पा सेल्स नाम की कंपनी ने पेमेंट बकाया होने की वजह से ऑक्सीजन सिलेंडर की सप्लाई रोक दी थी। कंपनी ने कहा कि हमने 14 रिमांडर भेजे, लेकिन इसके बाद भी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने कोई एक्शन नहीं लिया।