बब्बर खालसा के आतंकियों की तलाश में यूपी की खाक छान रही पंजाब पुलिस को आतंकियों को बचाने के लिए यूपी में आईजी स्तर के एक अफसर को एक करोड़ रुपए पहुंचाने की डील के साक्ष्य हाथ लगे हैं। पंजाब नाभा जेल ब्रेक के आरोपी अमनदीप और रिंपल के बीच बातचीत से डील होने का खुलासा होने पर यूपी के आईपीएस अफसरों में खलबली मच गई। प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने एडीजी (LO) को मामले की जांच सौंपी है।फिलहाल, आईजी स्तर के अधिकारी को योगी ने तलब कर लिया है। -बताया जा रहा है कि पंजाब पुलिस के अफसरों को बब्बर खालसा के दो अपराधियों के बीच बातचीत को इंटरसेप्ट करने पर यह जानकारी मिली कि यूपी में रह रहे खालासा के सदस्यों को बचाने के लिए एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी से एक करोड़ की डील हुई है। -बीते दिनों सुल्तानपुर से पकड़े गए पिंटू तिवारी को डील के लिए बिचौलिया बनाए जाने की जानकारी भी पंजाब पुलिस के हाथ लगी थी। घूस के लिए फाइनेंसर ने 45 लाख रुपए भी बिचौलिए तक पहुंचा दिए थे। घूसखोरी के बाद के पंजाब एटीएस को सौंपी जांच -घूसखोरी की जानकारी मीडिया में आने के बाद पंजाब पुलिस से ऑपरेशन ATS को सौंपा दिया गया है। -जांच से जुड़े सूत्र बताते हैं कि बातचीत में यूपी के एक वरिष्ठ आईपीएस का नाम सामने आने के बाद अधिकारियों में बेचैनी बढ़ गई है। -बताया जा रहा है कि पंजाब पुलिस के अफसर ने घूसखोरी की शिकायत DGP और प्रमुख सचिव गृह से की है, मगर दोनों अधिकारी इस पर चुप्पी साधे हुए हैं। पंजाब से लेकर यूपी के अफसर का नहीं उठा फोन तो किसी का मोबाइल हुआ बंद -बताया जा रहा है कि जैसे ही पूरे मामले की शिकायत गृह विभाग तक पहुंची उसके बाद अफसरों में हड़कंप मच गया। - पंजाब के अधिकारियों का फोन नहीं उठा, कुछ देर बाद मोबाइल ही बंद हो गया। ऐसा ही कुछ यूपी के पुलिस अफसरों के अधिकारियों में देखा गया। -बताया जा रहा है कि खाकी की इज्जत बचाने के लिए अफसर मामले की गुपचुप जांच में जुट गए, लेकिन कोई इस मामले में कुछ बोलने को तैयार नहीं है।