यूपी बोर्ड में नकल रोकने के लिए सरकार ने इस बार कड़े इतंजाम किए हैं। इसके बाद भी जिले में बोर्ड परीक्षा में सामूहिक नकल करने का एक बड़ा मामला सामने आया है। यहां के अतरौली में गुरुवार को बच्चे परीक्षा केंद्र में मौजूद थे और स्कूल के पास बने एक घर में उन बच्चों की कॉपी लिखी जा रही थी। पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए 62 लोगों को गिरफ्तार किया है। मामला नगला तेवथु स्थित बोहरे किशनलाल शर्मा इंटर कॉलेज का है जहां दूसरी शिफ्ट में इंटरमीडिएट के केमिस्ट्री का पेपर में चल रहा था। -जानकारी के मुताबिक, परीक्षा केंद्रों पर सख्ती के बावजूद नकल माफिया सक्रिय हैं। पुलिस को जानकारी मिली कि प्रति पेपर के हिसाब से छात्रों से 3000 रुपये वसूले जा रहे थे। - इसके लिए नकल माफिया स्कूल के पास बने घर में कॉपियां लिखवाते थे, जबकि परीक्षार्थी परीक्षा केंद्र के अंदर रहते थे। वहीं, परीक्षा खत्म होने के बाद बाहर लिखी कॉपियां रोल नम्बर के हिसाब से अटैच कर दी जाती थीं। - बताया जा रहा है ये सब खेल जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में बाबू लखन शर्मा के भाई रामकुमार शर्मा के द्वारा किया जा रहा था। लखन शर्मा उस कार्यालय में तैनात है जो विभिन्न स्कूलों के परीक्षा केंद्र बनाता है। - आपको बता दें कि अतरौली यूपी के पूर्व सीएम और राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह का गांव है। - बताया जा रहा है कि जिस घर में नकल हो रही थी वो एक नेता का घर है, हालांकि अभी तक किसी भी अधिकारी द्वारा यह नहीं बताया गया है कि नेता किस पार्टी का है। क्या कहना है पुलिस का? - एसएसपी राजेश पांडे ने बताया, यहां बोहरे किसान लाल इंटर कॉलेज में सामूहिक नकल कराई जा रही थी। पूरा वाकया सामने आने पर डीआईओएस ने इस सेंटर की रसायन विज्ञान सेकेंड पेपर की परीक्षा निरस्त कर दिया गया है। - पुलिस ने 3 लड़कियां सहित 62 लोगों को केमिस्ट्री की कॉपियां लिखते हुए मिले हैं। ये सभी कॉपियां पेपर के बाद विभिन्न परीक्षार्थियों की कॉपियों से बदली जानी थी। करीब 11 लाख छात्र छोड़ चुके हैं परीक्षा - यूपी बोर्ड की परीक्षा योगी सरकार की सख्ती के कारण करीब 11 लाख छात्रों ने परीक्षा छोड़ दी है। डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने अलीगढ़ में बोर्ड परीक्षा के केंद्रों का औचक निरीक्षण भी किया था। - 10 फरवरी तक बोर्ड परीक्षा छोड़ने वाले स्टूडेंट्स की संख्या के लिहाज से सबसे अधिक संख्या गाजीपुर जिले में थी। यहां पर 64,858 स्टूडेंट्स ने अब तक परीक्षा छोड़ी है। जबकि टॉप टेन जिलों में आजमगढ़ में 64,777, बलिया में 56,342, अलीगढ़ में 45,458, फैजाबाद में 36,712, हरदोई में 34,181, मथुरा में 30191, मऊ में 30169, मैनपुरी में 26,297, इलाहाबाद में 25,899 और आगरा में 25,740 स्टूडेंट्स ने बोर्ड परीक्षा से किनारा कर लिया था। नकल रोकने के लिए की गई सख्ती - नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए इस बार कई बदलाव किए गए हैं। प्रदेश में पहली बार गड़बड़ी रोकने के लिए सॉफ्टवेयर के माध्यम से केंद्र निर्धारण किया गया है। - सभी संवेदनशील, अतिसंवेदनशील केंद्रों पर अतिरिक्त सतर्कता बरतने के लिए कड़े निर्देश दिए गए हैं। - बोर्ड की परीक्षा के दौरान सेंटर पर टीचर्स के भी स्मार्टफोन के यूज पर रोक लगाई गई है। - स्मार्ट फोन यूज करने वाले टीचर्स को अपना फोन बंद करके केंद्र व्यवस्थापक के पास जमा कराना होगा, परीक्षा समाप्त होने के बाद ही दोबारा उसे स्मार्टफोन मिलेगा। - परीक्षा के दौरान संवेदनशील और अतिसंवेदनशील केंद्रों पर एसटीएफ नजर रखेगी और एलआईयू नकल माफियाओं को अपने राडार पर रखेगी। - नकल रोकने के लिए 3 सदस्यीय कमेटी मॉनिटरिंग कर रही है।