मध्यप्रदेश लगातार पांचवीं बार कृषि कर्मण अवार्ड लेने वाला पहला राज्य बन गया है। प्रदेश को यह अवार्ड वर्ष 2015-16 में गेहूं के उत्पादन की श्रेणी में दिया गया। शनिवार को दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी ने सीएम शिवराज सिंह चौहान को ट्रॉफी सौंपी। इस अवार्ड के साथ ही मप्र ने पंजाब-हरियाणा को गेहूं उत्पादन में पीछे छोड़ दिया है। अवार्ड के रूप में प्रदेश को ट्रॉफी, प्रशस्ति-पत्र और 2 करोड़ रु. नगद पुरस्कार दिया गया। पीएम बोले, न्यू इंडिया के दो पहरियों से मिलने का मौका मिला - प्रधानमंत्री पीएम ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि न्यू इंडिया को बनाने में बहुत बड़ी भूमिका कृषि मेले की है। इस मेले के माध्यम से न्यू इंडिया के दो पहरियाें से बात करने का मौका मिला है। न्यू इंडिया का प्रथम पहरी हमारा अन्नदाता है, जो अपनी मेहनत से हमें भोजन उपलब्ध करवाता है। वहीं दूसरे प्रहरी हमारे वैज्ञानिक हैं, जो नई तकनीकी से किसान का जीवन आसान करने में लगे हुए हैं। आज हमारे किसान तकनीकी माध्यम से हमसे सीधे जुड़े हुए हैं। - यहां आने से पहले मैंने यहां लगे विशाल मेले को देखा, वहां किसानों से वैज्ञानिकों से मिला, बात की और नई तकनीकी को देखा। यहां कृषि के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य करने वाले किसानों को सम्मानित करने का मौका मिला है। यह पुरुस्कार अापकी मेहतन का नतीजा है। अाप का काम अन्य किसानों के लिए एक प्रेरणा है। मेघायल को एक अलग पुरस्कार दिया गया है। क्षेत्रफल में छोटा होने के बाद भी मेघायल ने पैदावार में 5 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। यहां के किसान बधाई के पात्र हैं। सरकार किसानों की आय को दोगुनी करने के लिए प्रयासरत है। हरियाणा-पंजाब को पीछे छोड़ा - मप्र ने पारंपरिक रूप से सर्वाधिक गेहूं उत्पादन वाले हरियाणा और पंजाब को भी पीछे छोड़ दिया है। सीएम ने इस उपलब्धि के लिए सभी को बधाई देते हुए किसानों के लिए और अधिक काम करने की बात कही है।