यहां बिनोल गांव के सैनिक नारायण लाल गुर्जर की कल जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आत्मघाती हमले में शहीद हुए जिसकी शहादत को लेकर पूरे जिले में शोक की लहर छा गई है। शहीद जवान तीन दिन पूर्व ही अपने गांव में 15 दिन की छुटिया बिताकर ड्यूटी पर लोटा था। घटना के बाद शुक्रवार को ग्रामीणों ने पाकिस्तान के खिलाफ जोरदार आक्रोश देखा गया। मौके पर ग्रामीणों ने पाकिस्तान के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए। गौरतलब है कि सैनिक नारायण लाल ने माता पिता बचपन में ही खो दिया था। नारायण लाल के दो छोटे बच्चे हैं। जिसमें एक लड़का मुकेश व लड़की हेमलता है। जिनका कहना है कि मोदी जी पाकिस्तान के आतंकवादियों ने भारत के सपूतों पर आत्मघाती हमला किया है उनको आप ईट का जवाब पत्थर से देना चाहिए। कब तक भारत देश के जवान शहीद होंगे। काका के नाम से जाने जाते है सैनिक नारायण गूर्जर सैनिक नारायण गूर्जर अपने गांव में काका के नाम से जाने जाते थे। छोटे से लेकर बड़े बुजुर्ग उन्हें काका कहकर ही पुकारते थे। हमेशा सैनिक देश भक्ति की बाते ही बताते सभी को यही प्रेणा देते थे। शहीद सैनिक सहित दो भाई शहीद सैनिक सहित नारायण गूर्जर दो भाई बड़े वाला गोवर्धन लाल है जो सियाणा में मोटरसाइकिल रिपेरिंग का कार्य करते है बताया कि दोनों भाई व्यवहार कुशल व मदुभाषी है। बताया कि सैनिक नारायण गूर्जर16 साल से देश की सुरक्षा के लिए जुटे हुए है। बेटा लेगा इसके पिता का बदला रोती बिलखती शहीद की पत्नी मोहनी देवी ने कहा कि मेरा बेटा मुकेश को भी में सेना में भेजूगी। ताकि इसके पिता का बदला आतंकियों से वह आसानी से ले सके।यह बात कहकर वह बेशुद्ध हो गई। देश की सेवा के लिए प्रेणा शहीद गूर्जर जब भी नोकरी से 15 अगस्त व 26 जनवरी के उत्सव पर गांव आते थे। वे सभी स्कुली छात्रो को पुरुकार देते थे तथा सभी युवाओ को देश की सेवा करने की बात करते थे।