मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में छह अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। बैठक में सबसे मुख्य बात यह रही कि सरकार ने पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे परियोजना के लए वित्त पोषण के प्रस्ताव को भी हरी झंडी दे दी जिससे काॅरपोरेशन बैंक के लिए एक हजार करोड़ रुपए लेने का रास्ता साफ हो गया। उप्र सरकार के मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह और श्रीकांत शर्मा ने कैबिनेट में हुए फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बैठक में मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण की धनराशि पीएफएमएस लिक्विड स्टेट नोडल अकाउंट में सीधे लाभार्थी के खाते में हस्तांतरित करने के संबंध में प्रस्ताव हुआ है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय में काॅन्फ्रेंस हाॅल के निर्माण के लिए कैबिनेट ने 4599.88 लाख रुपए को मंजूरी प्रदान कर दी। शर्मा ने बताया कि केबिनेट में उच्च न्यायालय में मल्टी लेवल पार्किंग और वकीलों के चेम्बर के निर्माण के लिए प्रस्ताव पास किया गया जिसपर 530 करोड़ रुपए की लागत आएगी। मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण में सीधे खाते में पैसे जाएंगे। कैबिनेट में आवास योजना ग्रामीण की धनराशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में डालने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। सिविल प्रक्रिया संहिता व सुलह एक्ट में बदलाव को मंजूरी मिली है। सिविल प्रक्रिया संहिता 1960 की धारा 102 में 25 से 50 हजार हुआ तथा 115 में 5 से 25 लाख किया गया है। जिला न्यायाधीश और अपर न्यायाधीश अब इसकी सुनवाई करेंगे। यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री और प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि 1988 के तहत सरकार की तरफ जो प्रिंटिंग का काम दिया जाता था, अब सरकारी प्रेस के अलावा प्रिंटिंग का काम बाहर से भी कराया जाएगा। प्राइवेट कपनी का न्यूनतम टर्नओवर कैटगरी 2 करोड़ (ख) कैटगरी में एक करोड़ और (ग) कैटगरी में 50 हजार होना चाहिए। सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण की धनराशि पीएफएमएस लिक्विड स्टेट नोडल अकाउंट में सीधे लाभार्थी के खाते में हस्तांतरित करने के प्रस्ताव पर मुहर लगी है।