दिल्ली की पूर्व सीएम और वरिष्ठ कांग्रेस नेता शीला दीक्षित का शनिवार काे निधन हाे गया। वे 81 साल की थीं। सुबह दिल का दाैरा पड़ने पर उन्हें अस्पताल ले जाया गया था। इलाज के दौरान शाम 4 बजे दोबारा दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। शीला दीक्षित लगातार 15 साल तक मुख्यमंत्री रहीं। वह ऐसा करने वाली देश की एकमात्र महिला थीं। 31 मार्च 1938 को कपूरथला में जन्मी शीला कुछ दिनों से बीमार चल रही थीं। उनका पार्थिव शरीर उनके निजामुद्दीन स्थित घर पर लोगों के दर्शनार्थ रखा गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी और साेनिया गांधी सहित कई बड़े नेताओं ने यहां पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। पार्थिव शरीर रविवार 12 बजे कांग्रेस दफ्तर में भी रखा जाएगा। दाेपहर बाद ढाई बजे निगमबाेध घाट पर अंतिम संस्कार किया जाएगा। उनके निधन पर दिल्ली सरकार ने दो दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। 2004 में कपूरथला आईं थी शीला अपनी किताब ‘सिटीजन दिल्ली’ में शीला दीक्षित ने कपूरथला से अपनी नजदीकियों व लगाव को बखूबी बयान किया है। कपूरथला के मोहल्ला परमजीत गंज व शेरगढ़ में उनके नाना वीएन पुरी का घर था, जहां उन्होंने 8वीं से 10वीं कक्षा हिंदू पुत्री पाठशाला से पास की। वह अपने मुख्यमंत्री काल में भी कई बार कपूरथला आईं। हालांकि वे दिल्ली में पली-बढ़ी है लेकिन वह अपने नानके के घर में रही। 2004 में वे अपने स्कूल हिंदू पुत्री पाठशाला को देखने भी आई थीं। शीला दीक्षित ने यह भी जिक्र किया है कि उनको मायके और ससुराल, दोनों जगह स्वतंत्रता मिली। पूर्व पीएम राजीव गांधी की सहयोगी थीं शीला {शीला पहली बार 1984 में यूपी के कन्नाैज से सांसद बनी थीं। वह पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की करीबी सहयाेगी थीं और उनकी कैबिनेट में भी शामिल थीं। {1998 से 2013 तक उनके कार्यकाल में दिल्ली में काफी ढांचागत विकास हुअा। इनमें मेट्रो, सीएनजी, ग्रीन एरिया डेवलपमेंट और फ्लाइओवर प्रमुख हैं।