योगीराज भगवान श्रीकृष्ण का प्राकट्य उत्सव शनिवार देर रात 12 बजे कृष्ण जन्म स्थान पर शुरू होगा। भगवान का प्राकट्य होते ही उन्हें कमल के फूल पर विराजित किया जाएगा। उसी फूल पर उनका 12:15 से 12:30 बजे तक अभिषेक होगा। इसके बाद दस मिनट तक श्रृंगार आरती होगी। ठाकुर जी के लिए विशेष तौर पर रेशम, जरी और रत्नों से जड़ी मृगांक कौमुदी पोशाक तैयार कि गई है। वह रात डेढ़ बजे से भक्तों को दर्शन देंगे। जन्माष्टमी को लेकर पूरे मथुरा जिले में उत्सव का माहौल है। मंदिर से लेकर सड़क तक जगह-जगह विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। उत्तरप्रदेश सरकार पहली बार सवा सौ करोड़ रुपये खर्च करके जन्माष्टमी को दीपोत्सव की तर्ज पर मना रही है। देश के 10 राज्यों से आए कलाकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया। मथुरा में पहली बार जन्माष्टमी पर दही की हांडी फोड़ने के लिए मुंबई से टीम आई है। टीम मेम्बर आशीष ने बताया कि दही हांडी 32 फीट ऊंचाई पर लगाकर इसे तोड़ा गया। मथुरा की सड़कों पर है जश्न का माहौल जन्माष्टमी के मौके पर मथुरा की सड़कों पर भी जश्न का माहौल है। जगह-जगह भक्तों के लिए भंडारा लगा हुआ है। स्थानीय लोक कलाकार जगह-जगह बने मंचों पर अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे हैं। देशभर से आए कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों से लोगों का मन मोह लिया। कान्हा के जन्म के दर्शन को देश-विदेश से आए कृष्ण भक्त भी रंग-बिरंगी पोशाक में विभिन्न राज्यों के कलाकारों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देख आनंदित हो उठे।