केंद्रीय कारागार नैनी से फरार हुए शातिर अपराधी प्रिंस अग्रवाल को 11 महीने 3 दिन बाद एसटीएफ की टीम ने उत्तराखंड के उधम सिंह नगर के रुद्रपुर से गिरफ्तार कर लिया। उस पर 50 हजार का नाम घोषित था। प्रिंस अब तक सेंट्रल जेल नैनी समेत तीन जेलों की सलाखों को तोड़कर भाग चुका है। उसकी गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ टीम उसे मंगलवार की देर रात नैनी कोतवाली लेकर पहुंची और उसका दाखिला कराया। बुधवार को उसे सेंट्रल जेल से फरारी के मुकदमे में कोर्ट में पेश किया जाएगा। 72 मिनट में बनाया था फरारी का प्लान आगरा निवासी प्रिंस अग्रवाल (23) 12 सितंबर 2018 को केंद्रीय कारागार नैनी में चोरी के आरोप में दाखिल कराया गया था और 7 अक्टूबर 2018 को वह जेल से फरार हो गया। जेल प्रशासन के कारापाल राजीव कुमार मिश्रा ने नैनी कोतवाली में उसकी फरारी से संबंधित एफआईआर दर्ज कराई थी। जिसमें बताया गया था कि 7 अक्टूबर को बंदी प्रिंस अग्रवाल से मिलाई करने के लिए उसके चचिया ससुर गौरव सिंह निवासी मझोला मुरादाबाद, सास किरण कौर, पत्नी सिमरन कौर व साला सतीश कुमार चौधरी आया था। जेल प्रशासन ने तीनों को निर्धारित समयावधि दोपहर में 1:13 बजे से 2:25 बजे तक मुलाकात कराई थी। उसके बाद तीनों जेल से बाहर चले गए थे। मात्र 72 मिनट की इस मुलाकात में ही प्रिंस ने फरारी की योजना बना डाली और फरार भी हो गया था। इससे जेल की व्यवस्थाओं पर तमाम सवाल उठे थे। नैनी कोतवाली क्राइम ब्रांच और लोकल एसटीएफ की यूनिट ने प्रिंस की गिरफ्तारी के लिए बहुत हाथ-पैर मारे, लेकिन उसे पकड़ नहीं पाए थे। अब 11 महीना और 3 दिन बाद एसटीएफ की टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। एसटीएफ सीओ नवेन्दु सिंह ने कहा कि फिलहाल उसे नैनी कोतवाली में रखकर पूछताछ की जा रही है।