मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंगा और यमुना नदी के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि को देखते हुए प्रयागराज और वाराणसी के अधिकारियों को पूरी चौकसी बरतने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए सभी प्रबन्ध सुनिश्चित करते हुए बाढ़ चौकियों को सक्रिय किया जाए। सीएम ने बुधवार को एक बयान जारी कर यह कड़े निर्देश जारी किए। उन्होंने सम्बन्धित मण्डलायुक्त और जिलाधिकारी सहित स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों को बाढ़ के मद्देनजर सभी आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। बाढ़ से जनहानि एवं पशु हानि को प्रत्येक दशा में रोकने के निर्देश देते हुए योगी ने कहा है कि बाढ़ प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर बाढ़ राहत शिविरों में पहुंचाया जाए. बाढ़ पीड़ितों को हर सम्भव राहत और मदद उपलब्ध करायी जाए। उन्होंने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में बन्धों की लगातार निगरानी करें। बंन्धों का निरन्तर निरीक्षण सुनिश्चित करें, ताकि किसी भी आपात स्थिति सें प्रभावी ढंग से निपटा जा सके। प्रयागराज और वाराणसी में गंगा खतरे के निशान के पार पहुंची संगम नगरी प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों में आई बाढ़ के पानी हजारों लोग प्रभावित हुए हैं। गंगा नदी जहां खतरे के निशान को पार कर गई है। वहीं यमुना नदी भी खतरे के निशान को छूने के करीब है। हालात से निपटने के लिए अब सेना की मदद लेने का फैसला किया गया है। इसके साथ ही बाढ़ में फंसे हुए हज़ारों लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने के लिए एयरफोर्स से हेलीकॉप्टर की मदद मांगी गई है। इधर, पूर्वांचल के वाराणसी, बलिया ,ग़ाज़ीपुर में गंगा नदी खतरे के निशान को पार कर गई है। इससे 250 से ज्यादा गांव और शहरी इलाके भी चपेट में हैं। सहायक नदी वरुणा ने भी रौद्र रूप ले लिया है। सामनेघाट, मारुति नगर,कोनिया, पुराना पुल ,सारनाथ इलाकों से लोगों ने पलायन शुरू कर दिया है। वाराणासी में खतरे का निशान 71.26 मीटर है जबकि केंद्रीय जल आयोग की बुधवार की रिपोर्ट के अनुसार गंगा का जलस्तर 71.27 पहुंच गया है।