सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को पुलिस मुठभेड़ में मारे गए पुष्पेंद्र यादव के परिजनों से मुलाकात की। मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि परिवार को न्याय दिलाने के लिए हम किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार हैं। हमारी मांग है की इस पूरे मामले की जांच किसी वर्तमान न्यायाधीश (सिटिंग जज) से करायी जाए तभी दूध का दूध और पानी का पानी होगा। पत्रकारों से बातचीत करते हुए अखिलेश ने कहा कि हमें शासन और प्रशासन पर कतई भरोसा नहीं है। जिस राज्य की जनता ने देश को पीएम और राष्ट्रपति दिया हो वहां की जनता भी अपने आपको असहाय महसूस कर रही है। इससे पहले अखिलेश ने मुठभेड़ को फर्जी बताते हुए आरोप लगाया था कि पुष्पेंद्र को पुलिस ने उस समय मार डाला, जब वह ट्रक छुड़वाने के लिए थानाध्यक्ष के पास गया था। इस मुठभेड़ पर अन्य विपक्षी दल भी सवाल उठा रहे हैं। पुष्पेंद्र एनकाउंटर मामले की मैजिस्ट्रेटियल जांच के आदेश दिए गए हैं। वहीं, इस मामले को लेकर धरने पर बैठे फौजी तेज बहादुर समेत 39 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। यह है मामला झांसी पुलिस के अनुसार, शनिवार की रात बालू खनन में शामिल पुष्पेंद्र ने कानपुर-झांसी राजमार्ग पर मोंठ के थानाध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह चौहान पर फायर कर उनकी कार लूट ली थी। हमले में इंस्पेक्टर धर्मेंद्र के चेहरे पर फायर बर्न के निशान मिले थे। उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। पुलिस ने उसी रात नाकेबंदी कर पुष्पेंद्र को गुरसरांय थाना इलाके में फरीदा के पास मुठभेड़ में मार गिराया था। उस वक्त पुष्पेंद्र के साथ दो और लोग थे। लेकिन, वे फरार हो गए। रविवार को पुष्पेंद्र यादव, विपिन, रविंद्र के खिलाफ मोंठ और गुरसरांय थाने में दो अलग-अलग मामले दर्ज किए गए। जबकि इससे पहले पुष्पेंद्र पर कोई मामला दर्ज नहीं होने का दावा किया गया। बीते दिनों मोंठ पुलिस ने पुष्पेंद्र का एक ट्रक पकड़ कर सीज कर दिया था। इसी मामले को लेकर पुष्पेंद्र का इंस्पेक्टर से विवाद होना सामने आ रहा है। परिजनों ने मुठभेड़ पर सवाल उठाते हुए सोमवार को पुष्पेंद्र का शव लेने से इंकार कर दिया था। परिजनों का कहना था कि एनकाउंटर करने वाले पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज की जाए। कई बार की वार्ता विफल होने के बाद पुलिस ने झांसी ले जाकर पुष्पेंद्र का अंतिम संस्कार कर दिया था। पुलिस ने मंगलवार को पुष्पेंद्र का अपराधिक इतिहास होने का विवरण पेश किया। जिसमें उस पर गुंडा ऐक्ट समेत पांच केस दर्ज होना बताया गया। इधर, देर शाम घायल इंस्पेक्टर का कानपुर तबादला कर दिया गया। पहले भी उठे हैं एनकाउंटर पर सवाल पिछले साल भी जिले में ही एक एनकाउंटर डील की खबर ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे। मऊरानीपुर कोतवाल सुनीत कुमार सिंह का बंगरा के पूर्व ब्लाॅक प्रमुख और हिस्ट्रीशीटर लेखराज सिंह से एनकांउटर की डील करते हुए ऑडियो वायरल हुआ था। जिसके बाद सुनीत को सस्पेंड कर दिया गया था। लेखराज भी सपा के नेता थे।