जापान के पीएम शिंजो आबे अगले महीने 3 दिन के दौरे पर भारत आएंगे। वे 13 से 15 सितंबर तक यहां रहेंगे। इस दौरान आबे बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की सेरेमनी में हिस्सा लेंगे। वे 97,636 करोड़ रुपए की कॉस्ट से तैयार होने वाले मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल लिंक के भूमि पूजन में शामिल होंगे और इसकी नींव रखेंगे। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक जापान टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में शिंजो आबे के भारत दौरे की जानकारी दी है। इसके मुताबिक आबे के दौरे के दौरान उनके और नरेंद्र मोदी के बीच बाइलैटरल बातचीत भी होगी। बुलेट ट्रेन में होगा शिंकानसेन तकनीक का इस्तेमाल - वेस्टर्न इंडिया में मुंबई-अहमदाबाद रेलवे लिंक 500 km लंबा होगा। 2023 में इसके शुरू होने की योजना है। इस ट्रेन में जापान की हाईस्पीड टेक्नोलॉजी 'शिंकानसेन' का इस्तेमाल होगा, जो अपनी सुरक्षित और आरामदायक यात्रा के लिए जानी जाती है। दूसरे सिस्टम में भी इस तकनीक को मिल सकती है मंजूरी - आबे के इस दौरे में भारत के दूसरे रेलवे सिस्टम्स के लिए भी शिंकानसेन तकनीक के इस्तेमाल को मंजूरी दिए जाने के आसार हैं। मोदी जब पिछले साल नवंबर में जापान गए थे तो उन्होंने आबे के साथ शिंकानसेन तकनीक से बनी बुलेट ट्रेन के जरिये टोक्यो से कोबे तक की यात्रा की थी। इस दौरान मोदी कावासाकी हैवी इंडस्ट्रीज लिमिटेड के बुलेट ट्रेन प्लांट पर भी गए थे। ये कंपनी शिंकानसेन कार भी बनाती है। 3300 रुपए तक हो सकता है बुलेट ट्रेन का किराया - पिछले साल मई में संसद को मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन के किराए के प्रपोज्ड टैरिफ की जानकारी दी गई थी। इसके मुताबिक इस बुलेट ट्रेन का किराया ट्रेन के एसी फर्स्ट क्लास के फेयर से डेढ़ गुना तक ज्यादा हो सकता है। - प्रपोज्ड किराए को समझें तो अभी दूरंतो एक्सप्रेस का मुंबई-अहमदाबाद के बीच का फर्स्ट एसी का किराया 2200 रुपए है। इन दोनों शहरों के बीच 508 km की दूरी का किराया हाई स्पीड कॉरिडोर में डेढ़ गुना ज्यादा यानी 3300 रुपए के आसपास हो सकता है। - जापान में टोक्यो-ओसाका के बीच की 550 km की दूरी का किराया 8500 रुपए है, लेकिन इंडियन मॉडल में किराया इससे तीन गुना कम होगा। टोक्यो-ओसाका बुलेट ट्रेन के मॉडल पर ही भारत में बुलेट ट्रेन का मॉडल तैयार किया गया है। 12 स्टेशनों पर रुकेगी बुलेट ट्रेन - लोकसभा को दी गई जानकारी के मुताबिक बुलेट ट्रेन को चलाने में 97 हजार 636 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। पहले फेज में इसकी मैक्सिमम स्पीड 350 किमी/घंटे होगी, जबकि ऑपरेटिंग स्पीड 320 किमी/घंटे होगी। 2023 तक दोनों रूट पर रोजाना करीब 36 हजार पैंसेंजर्स मिलेंगे। 2053 तक ये संख्या 1 लाख 86 हजार तक पहुंच सकती है।