टेरर फंडिंग केस में अरेस्ट किए गए कश्मीरी बिजनेसमैन जहूर वट्टाली को कोर्ट ने शुक्रवार को 10 दिन की NIA की कस्टडी में भेज दिया। वट्टाली को गुरुवार रात NIA ने अरेस्ट किया था। NIA सोर्सेस के मुताबिक, "वट्टाली के पास पाकिस्तान, दुबई और पाकिस्तान हाईकमीशन से भी पैसा आता था। इस पैसे को अलगाववादियों तक पहुंचाने के लिए वट्टाली को कमीशन मिलता था।" NIA सोर्सेस का कहना है कि वट्टाली को 8-9 फीसदी तक कमीशन दिया जाता था। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, NIA के ऑफिशियल सोर्सेस ने इस बात की ओर इशारा किया है कि टेरर फंडिंग केस में अभी और गिरफ्तारियां होंगी। - "टेरर फंडिंग केस में सैयद अली शाह गिलानी के बेटे नसीम गिलानी को भी पाकिस्तान और दुबई से पैसा मिला।" दो हफ्तों की कस्टडी मांगी थी NIA ने - वट्टाली को दिल्ली की कोर्ट में पेश किया गया। NIA ने कहा कि इन्वेस्टिगेशन के दौरान आरोपी को कई जगहों पर ले जाने की जरूरत है। सबूतों की पुष्टि के लिए ये जरूरी है। - इसके बाद जज पूनम एक बाम्बा ने एजेंसी की मांग को मंजूर कर लिया। हालांकि, एजेंसी ने दो हफ्तों की कस्टडी मांगी थी। इस मांग को कोर्ट ने ठुकरा दिया और 10 दिन की कस्टडी दी। किस तरह हुई वट्टाली की गिरफ्तारी? - NIA ने बताया, "बुधवार को जहूर वट्टाली और दूसरे संदिग्धों के ठिकानों पर छापे मारे गए थे। इस दौरान काफी पेंचीदा दस्तावेज मिले। इनमें विदेशों से मिले फंड्स की रेसिप्ट भी थीं। इस फंड को टेररिस्ट और अलगाववादियों में बाटां गया था ताकि घाटी में एंटी इंडिया एक्टिविटीज को अंजाम दिया जा सके। 3 जून 2017 को भी हमने वट्टाली के श्रीनगर स्थित घर की छानबीन की थी और इस दौरान भी फाइनेंशियल ट्रांजैक्शंस और लैंड डील्स के दस्तावेज मिले थे।" - NIA ने बताया कि वट्टाली को गुरुवार को दिल्ली से अरेस्ट कर लिया गया और उसके बाद उसे शुक्रवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया। कौन है जहूर वट्टाली? - जहूर वट्टाली कश्मीरी बिजनेस मैन है। NIA के मुताबिक, वट्टाली पर शक है कि वो अलगाववादियों, आतंकवादियों और पत्थरबाजों तक फंड पहुंचाने का एक जरिया है। - "1990 में उसे जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अरेस्ट किया था। तब श्रीनगर में बागट बारजुल्ला स्थित उसके घर पर कुछ एंटी नेशनल एक्टिविटीज हुई थीं। उस दौरान वट्टाली को यासीन मलिक, सज्जाद लोन, बिलाल लोन और अन्य लोगों के साथ अरेस्ट किया गया था और उन्हें 8 महीने की जेल हुई थी।" - "2009 में वट्टाली पर गैरकानूनी तरीके से जमीन हथियाने और हमले का आरोप लगा था। हालांकि, जून 2016 में हाईकोर्ट का आदेश आने के बाद इस मामले में जांच रोक दी गई। वट्टाली पर कैंसल्ड पासपोर्ट लेकर यात्रा करने का भी आरोप है। हालांकि, जब उसे दोबारा ऐसा करने की कोशिश की तो नियम तोड़ने के आरोप में उसका पासपोर्ट दिल्ली में सीज कर दिया गया।" अलगाववादी नेताओं पर क्या हैं आरोप? - अलगाववादी नेताओं पर आरोप है कि इन्हें कश्मीर में सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, स्कूलों और अन्य सरकारी संस्थानों को जलाने जैसे विध्वंसक गतिविधियों के लिए लश्कर चीफ हाफिज सईद से पैसा मिलता है। घाटी में सिक्युरिटी फोर्सेस पर पत्थर बरसाने के लिए हुर्रियत नेताओं को पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों और पाक खुफिया एजेंसी ISI दोनों से फंडिंग होती है। एनआईए ने इस मामले में फिलहाल 13 लोगों के खिलाफ सबूत जुटाए हैं। - एनआईए ने दावा किया है कि आरोपी देश के खिलाफ जंग छेड़ने में जुटे थे और गैरकानूनी गतिविधियों (निवारण) अधिनियम के तहत दंडनीय कई अपराधों में शामिल थे। स्टिंग ऑपरेशन में हुआ था खुलासा - एक न्यूज चैनल ने 16 मई को एक स्टिंग ऑपरेशन ब्रॉडकास्ट किया था। जिसमें कश्मीर के अलगाववादियों को पाकिस्तान के आतंकी गुटों से पैसे मिलने की बात का खुलासा हुआ था। इसके बाद 19 मई को एनआईए ने इन अलगाववादी नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया था और प्रिलिमिनरी इन्क्वायरी शुरू की थी। - हुर्रियत नेता नईम खान को स्टिंग ऑपरेशन में लश्कर से पैसे लेने की बात कबूल करते दिखाया गया था। खान रिपोर्टर से यह कहते नजर आए थे कि पाकिस्तान से आने वाला पैसा सैकड़ों करोड़ से ज्यादा है, लेकिन हम और ज्यादा की उम्मीद करते हैं। हालांकि बाद में खान ने स्टिंग को फर्जी करार दिया था। - एनआईए की तरफ से कार्रवाई शुरू होने के बाद हुर्रियत कॉन्फ्रेंस ने नईम खान को सस्पेंड कर दिया था। छापे में मिले थे लश्कर-हिजबुल के लेटरहेड्स - एनआईए ने इस मामले में 3 जून को देश में 24 जगहों पर छापे मारे थे। कश्मीर में 14, दिल्ली में 8 और हरियाणा के सोनीपत में 2 जगहों पर छापे मारे गए थे। इस दौरान अलगाववादी नेताओं के घरों, ऑफिस और उनके कमर्शियल ठिकानों पर कार्रवाई की गई। दिल्ली में 8 हवाला डीलर्स और ट्रेडर्स के खिलाफ भी कार्रवाई की गई थी। - कश्मीर में कार्रवाई के दौरान 2 करोड़ रुपए और प्रॉपर्टी से जुड़े कागजात जब्त किए गए। लश्करे-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन के लेटरहेड्स, लैपटॉप, पेन-ड्राइव्स भी मिले थे।