एक अमेरिकी रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत-चीन के बीच गतिरोध खुली जंग को न्योता देने जैसा है। इससे अमेरिका और भारत के रिलेशन और मजबूत हो सकते हैं। बता दें बीते 16 जून से सिक्किम सेक्टर में स्थित डोकलाम पर भारत-चीन के बीच विवाद हो चल रहा है। भारत का कहना है कि चीन की सेना के पीछे हटने पर ही बातचीत हो सकती है। उधर, चीन लगातार कह रहा है कि भारत, उसकी सीमा में जबर्दस्ती दाखिल हुआ है। न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस (CRS) ने 'चाइन-बॉर्डर टेंशन एट डोकला' नाम से रिपोर्ट जारी की है। - इसमें कहा गया है, "भारत-चीन के बीच लगातार बढ़ रहे तनाव से जंग का खतरा है। इससे भारत-अमेरिका के स्ट्रैटजिक रिलेशन तो मजबूत होंगे लेकिन बीजिंग पर इसका खासा असर पड़ेगा।" - सीआरएस, कांग्रेस की इंडिपेंडेंट रिसर्च विंग है। यह सांसदों के लिए रिपोर्ट और पॉलिसी तैयार करती है। - रिपोर्ट में ये भी कहा गया है, "भारत-चीन के बीच ताजा विवाद दिखाता है कि दोनों देशों के बीच दुश्मनी का नया फेज शुरू हो चुका है। ये दुश्मनी केवल 2,167 मील लंबी और हिमालय से सटी सीमा तक नहीं रहेगा बल्कि इसकी रेंज साउथ एशिया और हिंद महासागर तक रहेगी।" क्या है डोकलाम विवाद? - ये विवाद 16 जून को तब शुरू हुआ था, जब इंडियन ट्रूप्स ने डोकलाम एरिया में चीन के सैनिकों को सड़क बनाने से रोक दिया था। हालांकि चीन का कहना है कि वह अपने इलाके में सड़क बना रहा है। - इस एरिया का भारत में नाम डोका ला है जबकि भूटान में इसे डोकलाम कहा जाता है। चीन दावा करता है कि ये उसके डोंगलांग रीजन का हिस्सा है। भारत-चीन का जम्मू-कश्मीर से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक 3488 km लंबा बॉर्डर है। इसका 220 km हिस्सा सिक्किम में आता है। भारत की क्या है चिंता? - नई दिल्ली ने चीन से कहा है कि चीन के सड़क बनाने से इलाके की मौजूदा स्थिति में अहम बदलाव आएगा, भारत की सिक्युरिटी के लिए ये गंभीर चिंता का विषय है। रोड लिंक से चीन को भारत पर एक बड़ी मिलिट्री एडवान्टेज हासिल होगी। इससे नॉर्थइस्टर्न स्टेट्स को भारत से जोड़ने वाला कॉरिडोर चीन की जद में आ जाएगा।