स्कॉर्पीन क्लास की पहली सबमरीन (पनडुब्बी) कलवरी गुरुवार को नेवी में कमीशंड हुई। मुंबई के मजगांव डॉकयार्ड में नरेंद्र मोदी इसे नौसेना को समर्पित किया। इस दौरान डिफेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण, नेवी चीफ एडमिरल सुनील लान्बा, वाइस एडमिरल गिरीश लूथरा समेत कई अफसर मौजूद थे। मोदी ने कहा कि 21वीं सदी का रास्ता हिंद महासागर से होकर ही निकलेगा। भारत की सामुद्रिक ताकत का कोई मुकाबला नहीं - मोदी ने कहा, "7500 किलोमीटर से लंबा हमारा समुद्री तट, 1300 के करीब छोटे बड़े द्वीप एक ऐसी सामुद्रिक शक्ति का निर्माण करते हैं जिसका कोई मुकाबला नहीं। हिंद महासागर भारत ही नहीं पूरे विश्व के लिए अहम है। कहा जाता है कि इक्कीसवीं सदी एशिया की सदी है। यह भी तय है कि इसका रास्ता हिंद महासागर से होकर ही निकलेगा।'' - "जिस तरह भारत की राजनीतिक और आर्थिक मैरीटाइम पार्टनरशिप बढ़ रही है उससे इस लक्ष्य की प्राप्ति और आसान नजर आती है। समुद्र में निहित शक्तियां राष्ट्र निर्माण में आर्थिक शक्तियों मौजूद हैं।'' - "चाहे समुद्र के रास्ते आने वाला आतंकवाद हो पायरेसी की समस्या हो ड्रग्स की तस्करी हो भारत इन चुनौतियों से निपटने में अहम भूमिका निभा रहा है। सबका साथ सबका विकास यह हमारा संकल्प जल-थल-नभ में एकसमान है। हम वसुधैव कुटुंबकम के जरिए अपने दायित्व को निभा रहा है।'' नेवी में काफी क्षमता - मोदी ने कहा, "मैं इसको एक स्पेशल नाम से बुलाता हूं- SAGAR यानी सिक्युरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल इन द रीजन। नेवी जहां मालदीव में पानी पहुंचाती है, वहीं बांग्लादेश में चक्रवात आता है तो लोगों को निकालकर मानवता का काम करती है।'' - "यमन में संकट के समय भारतीय नौसेना 45000 से ज्यादा अपने नागरिकों को बचाती है। तब 48 देशों के नागरिकों को भी संकट से बाहर निकालकर ले आती है।'' - "नेपाल में भूकंप के वक्त भारतीय सेना ने 700 से ज्यादा उड़ानें भरीं, 1000 टन से ज्यादा राहत सामग्री पहुंचाई। भारत मानवता के काम में कभी पीछे नहीं रह सकता।'' - "आज हम दुनिया के विभिन्न देशों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं। उनकी सेनाएं हमारी सेना से अनुभव साझा करने के लिए आतुर रहती हैं। जब वे एक्सरसाइज में शामिल होती हैं तो यह चर्चा का विषय रहता है।''