दिल्ली के बवाना इंडस्ट्रियल एरिया में अवैध रूप से चल रहे पटाखा गोदाम में शनिवार को आग लग गई। इसमें 10 महिलाओं सहित 17 लोगों की मौत हो गई। हादसे में ज्यादातर मौतें इस वजह से हुई कि जिस बिल्डिंग में आग लगी, वो तीन ओर से बंद है। मेन गेट पर ही आग लगने की वजह से लोगों को भागने का मौका नहीं मिला। पुलिस को शुरुआती जांच में पता चला कि गोदाम मनोज जैन नामक शख्स का है, जिसने बीते 5 दिसंबर को ही इसे रेंट पर लिया था। यहां करीब 45 कर्मचारी काम करते थे, जो इसी बिल्डिंग की थर्ड फ्लोर पर रहते थे। पुलिस ने देर रात मनोज जैन को अरेस्ट कर लिया। उसके खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है। डेड बॉडी देख चीख पड़े डॉक्टर - बवाना इंडस्ट्रियल एरिया में लगी आग में जली पहली डेड बाॅडी जैसे ही महर्षि वाल्मीकि हॉस्पिटल पहुंची तो इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात रेजिडेंट डॉक्टर चीख पड़े। - इसके बाद जैसे-जैसे बॉडी पहुंचने लगी सबकी सांसें थमने लगी। इससे पहले पहुंचे कुछ जले हुए लोगों को डॉक्टरों ने आनन-फानन में वार्ड में रेफर कर दिया ताकि इलाज के लिए पहुंचने वाले घायलों बचाया जा सके। - नाम नहीं छापने की शर्त पर एक डॉक्टर ने बताया कि एक-एक करके जिस तरह से डेड बॉडी पहुंच रही थी, उसे देखने में ऐसा लग रहा था कि उनका अंतिम संस्कार हो गया हो। अधिकतर बॉडी 95% जल गई थीं। शव की पहचान तक नहीं हो पा रही थी। शरीर का कोई हिस्सा ऐसा नहीं बचा था, जिससे यह पता चल सके कि किसी में आखिरी सांसें बची हैं या नहीं। - "एक डेड बॉडी की तो इतनी बुरी हालत थी कि देखकर नहीं कह सकते कि यह इंसान की बॉडी है। बॉडी पूरी तरह सिकुड़ गई थी। इसे देख एक डॉक्टर की चीख निकल गई।" छह डॉक्टर ड्यूटी पर थे, 10 मिनट में बुलाना पड़े 15 डॉक्टर - महर्षि वाल्मीकि हॉस्पिटल के सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर ने बताया कि इमरजेंसी में हमने पहले ही अलर्ट कर दिया था। जिस वक्त हमें हादसे की सूचना मिली थी तब छह डॉक्टर मौजूद थे। बाॅडी आने का सिलसिला शुरू हुआ तो डिजास्टर के लिए एक और वार्ड खोलना पड़ा। - पहले चार डॉक्टर बुलाए। इसके बाद 11 और डॉक्टरों को ड्यूटी पर बुलाना पड़ा। 20 से ज्यादा नर्सों को ड्यूटी पर तैनात किया गया। दूसरे हॉस्पिटल्स में भी अलर्ट - घटना के बाद एडमिनिस्ट्रेशन ने बवाना इंडस्ट्रियल एरिया के पास के अंबेडकर हॉस्पिटल, बीजेआरएम और एलएनजेपी हॉस्पिटल की इमरजेंसी को भी अलर्ट कर दिया था। - यहां एक्स्ट्रा डॉक्टरों की तैनाती कर दी गई थी। खबर लिखे जाने तक महर्षि वाल्मीकि में 17 डेडबॉडी और दो घायलों को पहुंचाया जा चुका था। हादसे के सात घंटे बाद पहुंचे केजरीवाल, लोगों ने की नारेबाजी - बवाना में अवैध पटाखा फैक्ट्री में लगी आग से 17 लोगों की मौत हो गई, लेकिन दिल्ली सरकार विधायकों की विधायकी बचाने में मशगूल थी। - मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर सत्येंद्र जैन को जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए। - इसके बाद रात 10.30 बजे तक 20 विधायकों (पूर्व संसदीय सचिव) से जुड़ी खबरों को ट्वीट करने में मशगूल हो गए। - बवाना में आग शाम करीब 6 बजे पहली फैक्ट्री में आग लगी। कुछ समय में यह तीन फैक्ट्रियों तक पहुंच गई। लेकिन अरविंद केजरीवाल घटनास्थल पर 7 घंटे बाद यानी रात करीब 1 बजे पहुंचे। - इससे नाराज लोगों ने उनके खिलाफ नारेबाजी की। लोगों में गुस्सा इस कदर था कि दो युवक केजरीवाल के काफिले के सामने ही लेट गए। आप वर्कर्स ने इन युवकों की पिटाई कर दी। वहां झगड़े जैसे हालात पैदा हो गए। - उधर, सत्येंद्र जैन ने जानकारी दी कि वह घटना पर नजर रखे हुए हैं और मामले की जांच का आदेश दिया गया है। प्रधानमंत्री-एलजी ने जताया दुख - नरेंद्र मोदी ने बवाना में घटित घटना काफी दुखदायी बताया है। उन्होंने कहा कि मेरी संवेदनाएं उन परिवारों के साथ है, जिन्होंने इस हादसे में परिवारवालों को खो दिया। घायलों के जल्द ही स्वस्थ होने की कामना करता हूं। - दिल्ली के एलजी अनिल बैजल ने भी बवाना आगजनी को लेकर दुख जताया है। अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। विक्टिम के परिवारवालों के साथ मेरी सहानुभूति है। ईश्वर उन्हें इस घटना से उबरने में शक्ति प्रदान करें।