जिस विधानसभा में अंधविश्वास को खत्म करने के कानून बनते हैं, उसी में गुरुवार को भूत-प्रेत और बुरी आत्माओं जैसी अंधविश्वास बढ़ाने वाली बातें हुईं। ये बातें भी खुद विधायकों ने शुरू की। शुरुआत दोपहर करीब डेढ़ बजे हुई। सदन के बाहर मुख्य सचेतक कालूलाल गुर्जर और नागौर से बीजेपी विधायक हबीबुर्रहमान अशरफी ने मीडिया से कहा- विधानसभा में बुरी आत्माओं का साया है। तभी तो आज तक सदन में 200 विधायक एक साथ नहीं रहे। कभी किसी की मौत हो जाती है, कभी किसी को जेल हो जाती है। आत्माओं की शांति के लिए हवन और पंडितों को भोजन कराने की जरूरत है। वे बोले- इस बारे में मुख्यमंत्री को भी बता चुके हैं। कई सुझाव भी दिए हैं। भूत-प्रेतों की जांच कराने की भी बात हुई - विधायकों द्वारा फैलाया गया यह अंधविश्वास रात करीब 8 बजे सदन में गूंजने लगा। - अनुदान मांगों के जवाब के बीच कांग्रेस के धीरज गुर्जर ने यह मसला उठाया। कहा- आपके सचेतक और विधायक अंधविश्वास फैला रहे हैं। - बात बढ़ती गई और कमेटी से भूत-प्रेतों की जांच कराने तक पहुंच गई। इस दौरान कभी ठहाके लगे तो कभी भूत-प्रेत की बातों को सिरे से खारिज भी किया गया। - बता दें कि नाथद्वारा से बीजेपी के विधायक कल्याण सिंह के देहांत के एक दिन बाद ही बीजेपी विधायकों का यह बयान सामने आया है।