नरेंद्र मोदी ने रविवार को निजामुद्दीन में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और इसके 3डी मॉडल का उद्घाटन किया। इसके बाद उन्होंने इस रोड पर खुली जीप में सवार होकर छह किलोमीटर का रोड शो किया। यहां से वे हेलिकॉप्टर के जरिए उत्तर प्रदेश के बागपत पहुंचे। यहां उन्होंने ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (ईपीई) का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि पेरिफेरल एक्सप्रेसवे से दिल्ली आने वाले 30% वाहन कम होंगे। ईपीई देश का पहला स्मार्ट और सोलर एनर्जी से लैस एक्सप्रेसवे है। पिछले दिनों इसी के उद्घाटन में देरी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने हाईवे अथॉरिटी को फटकार लगाई थी और इसे 1 जून से खोलने का निर्देश दिया था। हमारी सरकार काम कर रही है - मोदी ने कहा, "मई की इस गर्मी में और जब दोपहर को सूरज इतना तप रहा है। तब इतनी बड़ी संख्या में हमें आशीर्वाद देने आना इस बात का संकेत है कि सरकार ने काम किया है। आज बीजेपी के नेतृत्व में एनडीए सरकार के चार साल पूरे होने पर आपका ये प्रधानसेवक आपके सामने नतमस्तकर होकर सवा सौ करोड़ देशवासियों को प्रणाम करता है।" - "आज दिल्ली-एनसीआर वालों के लिए बड़ा दिन है। आज दो परियोजनाओं का उद्धाटन किया गया है। ईस्टर्न पेरिफेरल एक्स्प्रेसवे पर 11 हजार करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं।" - "आज नई सड़क पर चलने का मुझे मौका मिला तो अनुभव किया कि एक्सप्रेसवे का सफर लोगों के जीवन को कितना आसान बना रहा है। सिर्फ 18 महीनों में ये काम पूरा है।" - "आज 14 लेन की 9 किलोमीटर लंबी सड़क का लोकार्पण हुआ है। ये दिल्ली के पटपड़गंज, मयूर विहार, वैशाली और नोयडा के लोगों को भलि-भांति पता है।" - "जिस रफ्तार से ये 9 किलोमीटर सड़क बनीं है उसी रफ्तार से मेरठ एक्सप्रेस वे का काम कर के भी जनता को समर्पित किया जाएगा। जब ये पूरा हो जाएगा तो मेरठ से दिल्ली की दूरी 40 से 45 मिनट रह जाएगी।" दिल्ली आने वाले वाहनों में 30% की कमी आएगी - मोदी ने कहा, "दिल्ली के अंदर अब जितने वाहन आते हैं उसमें 30 प्रतिशत की कमी आ जाएगी। इतना हीं नहीं ईस्टर्न एक्सप्रेसवे पहला ऐसा है जो ग्रीन एक्सप्रेसवे है। ये सड़क सिर्फ 500 दिनों में बन कर तैयार हुई है। ये दो बड़े प्रोजेक्ट जो आपके लिए बन कर तैयार हैं। वे आधुनिक टेक्नोलॉजी से लैस है। पश्चिमी यूपी से दिल्ली दूध अनाज सब्जी पहुंचाना भी आसान हो जाएगा।" - "जाम की समस्या साल दर साल और विकराल रूप लेती जा रही है। हमारी सरकार ने इस परेशानी को गंभीरता से लेते हुए दिल्ली के चारों ओर एक्सप्रेस वे का एक घेरा बनाने का फैसला किया। इसे दो हिस्सों में बनाया जा रहा है। इसके एक हिस्से का लोकार्पण करने का मौका मुझे अभी मिला है।" - "देश के विकास में इन्फ्रास्ट्रक्चर की भी अहम भूमिका है। सबका साथ सबका विकास में भी इसकी जरूरत है। ये अमीर गरीब, ऊंच नीच किसी में भेदभाव नहीं करता। इसलिए हमारी सरकार ने एयरवे, रोडवे, वाटरवे से जुड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान दिया है। बीते वर्षों में हमनें 3 लाख करोड़ रुपए 28000 किलोमीटर हाईवे बनाने में खर्च किया है।" हम लोकहित की राजनीति करते हैं - मोदी ने कहा, "मैं आपको अनुभव के आधार पर कह सकता हूं कि जिनके मन में स्वार्थ है वो सिर्फ घड़ियाली आंसू बहाने वाली राजनीति करता है। जो सही मायनों में आपके हित में सोचता है, वो लोकहित की राजनीति करता है। दलित और पिछड़े भाई-बहनों के लिए अवसरों के साथ-साथ उनकी सुरक्षा और न्याय के लिए भी बीते चार वर्षों में कई काम किए गए हैं। दलितों पर अत्याचार के कानून को हमने और कड़ा किया है। सरकार ने पिछड़ी जातियों के सब-कैटेगराइजेशन के लिए कमीशन के गठन का निर्णय भी किया है। सरकार चाहती है कि OBC समुदाय में जो अति पिछड़े हैं, उन्हें सरकार और शिक्षण संस्थाओं में तय सीमा में रहते हुए आरक्षण का और ज्यादा फायदा मिले।" - "हम जो भी काम करते हैं, कांग्रेस और उससे जुड़े दल उसका मजाक उड़ाते हैं। जब गरीब के लिए बैंक खाते खुलते हैं तो कांग्रेस उसका मजाक उड़ाती है। कैबिनेट के दस्तावेज को फाड़कर फेंकने वाले लोग, कानून की इज्जत करना भी उचित नहीं मानते।" - "सच्चाई ये है कि गरीबों के लिए, दलितों-पिछड़ों-आदिवासियों के लिए जो भी कार्य किया जाता है, कांग्रेस और उसके साथ चलने वाले दल या तो उसमें रोड़े अटकाने लगते हैं या उसका मजाक उड़ाते हैं। इन्हें देश का विकास भी मजाक लगता है। उन्हें स्वच्छ भारत के लिए किया गया काम मजाक लगता है, उन्हें गरीब महिला के लिए बनाया गया शौचालय मजाक लगता है। जब हमारी सरकार गरीब महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन देती है, तो भी ये उसका मजाक उड़ाते हैं। जब गरीब के लिए बैंक खाते खुलते हैं, तब भी इन्हें मजाक लगता है। पीढ़ी दर पीढ़ी परिवार में सत्ता देखने के आदी ये लोग गरीब के लिए किए जा रहे हर काम को मजाक समझते हैं।" - "ये तक नहीं सोचते कि उनके झूठ की वजह से देश में किस तरह की अस्थिरता पैदा हो सकती है। चाहे दलितों पर अत्याचार से जुड़े कानून की बात हो या फिर आरक्षण की बात, झूठ बोलकर, अफवाह फैलाकर ये लोगों को भ्रमित करने की साजिश करते रहे हैं।" दिल्ली-मेरठ का सफर 45 मिनट में पूरा होगा - दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे 96 किलोमीटर लंबा है। इसे बनाने में 841 करोड़ लागत आई है। इससे दोनों शहरों के बीच का सफर सिर्फ 45 मिनट में पूरा होगा। दिल्ली से मेरठ और पश्चिमी उत्तर प्रदेश जाने वालों को जाम से निजात मिलेगी। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे की खासियत - इस हाईवे पर बने यमुना ब्रिज के दोनों ओर सोलर सिस्टम लगे हैं। यह देश का पहला ब्रिज होगा, जिस पर वर्टिकल गार्डन, सोलर पावर सिस्टम और ड्रिप सिंचाई के इंतजाम होंगे। - यह छह लेन का हाईवे है। इसके दोनों तरफ 2.5 मीटर चौड़ा साइकिल ट्रैक और 1.5 मीटर चौड़ा पैदल यात्रियों का ट्रैक है। - हाईवे का पहला चरण निजामुद्दीन से उत्तर प्रदेश गेट, दूसरा चरण उत्तर प्रदेश गेट से डासना, तीसरा चरण डासना से हापुड़ और चौथा चरण डासना से मेरठ में बनेगा। पहला चरण रिकॉर्ड 17 महीने में बनकर तैयार हुआ है। ईपीई हरियाणा और उत्तर प्रदेश के 6 शहरों को जोड़ेगा - ईपीई 135 किेलोमीटर लंबा है। यह सोनीपत के कुंडली से शुरू होकर उत्तर प्रदेश के बागपत, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा और हरियाणा के फरीदाबाद और पलवल को जोड़ता है। इसकी लागत 11 हजार करोड़ है। यह सोलर पावर से लैस देश का पहला एक्सप्रेसवे है। इस पर चार सोलर प्लांट लगाए गए हैं। इनसे 4 हजार किलोवॉट बिजली पैदा होगी। 100% लाइट इसी से जलेंगी। हर 500 मीटर पर दोनों तरफ रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बने हैं। - इस पर सुरक्षा के विश्व स्तरीय इंतजाम हैं। स्मार्ट एंड इंटेलिजेंट हाईवे मैनेजमेंट सिस्टम (एचटीएमएस) और वीडियो इंसीडेंट डिटेक्शन सिस्टम (वीआईडीएस) लगाए गए हैं। - इस पर 2.5 लाख पौधे लगाए गए हैं। इसके दोनों तरफ बने गार्डन में ड्रिप सिंचाई का इंतजाम है। एक्सप्रेस वे कुतुबमीनार, हवामहल, इंडिया गेट, लालकिला, चार मीनार, जलियांवाला बाग, अशोकचक्र, कीर्ति स्तंभ समेत 36 स्मारकों की प्रतिकृति लगाई गई हैं। कोशिश की गई है कि सड़क पर चलते वक्त सभी राज्यों की झलक दिखे। इस पर 40 फाउंटेन भी हैं। हिमाचल-राजस्थान से आने वालों को दिल्ली नहीं जाना होगा -ईपीई शुरू होने के बाद अगर हिमाचल प्रदेश या राजस्थान से हरियाणा जाना चाहता है तो उसे दिल्ली में प्रवेश नहीं करना पड़ेगा। इस रोड के शुरू होने से दिल्ली में रोजाना 50 हजार वाहनों का दबाव कम होगा। प्रदूषण का स्तर 27% तक गिरने की उम्मीद है।