राफेल डील पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांसुआ ओलांद के बयान के बारे में पहले से पता था। उन्होंने कहा- राहुल ने 30 अगस्त को इस संबंध में एक ट्वीट भी किया था। न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में जेटली ने कहा, "राहुल 30 अगस्त को ट्वीट करते हैं कि फ्रांस के अंदर कुछ बम चलने वाले हैं। ये उनको कैसे मालूम की बयान ऐसा आने वाला है?" उन्होंने कहा, "ये जो जुगलबंदी है इस तरह की, मेरे पास कुछ सबूत नहीं हैं, लेकिन मन में प्रश्न खड़ा होता है। ओलांद के बयान और राहुल गांधी के ट्वीट योजनाबद्ध तरीके से सामने आए हैं।" "कुछ बयानों का काम विवाद खड़ा करना होता है। लेकिन इनमें से कई बयानों को तथ्य और हालात गलत सिद्ध कर देते हैं। फ्रांस सरकार और दैसो कंपनी ने गलत सिद्ध कर दिया। ओलांद ने खुद अपना बयान एक दिन में ही बदल दिया।" कांग्रेस के आरोपों पर जेटली ने कहा, "राफेल स्कैम क्या है? भारत को हथियारों से लैस विमान मिलेंगे। राफेल जैसा जहाज कारगिल युद्ध के समय होता तो वह ऑपरेशन दो या तीन दिन में खत्म हो जाता है। यह स्कैम नहीं है। चीन के पास राफेल हैं, पाकिस्तान बनाने शुरू कर चुका है। राफेल वायुसेना की आवश्यकता है।" वित्त मंत्री ने यह भी साफ कर दिया कि आरोपों के बावजूद राफेल सौदा रद्द नहीं किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खामोशी पर उन्होंने कहा कि जिन्हें बोलना है वे बोल रहे हैं। जेटली ने राहुल को गैरजिम्मेदार बताते हुए कहा, "ये सार्वजनिक भाषण है लाफ्टर चैलेंज नहीं है। आप कभी किसी को हग कर लो, आंख मारो, फिर गलत बयान 10 बार देते रहो। लोकतंत्र में प्रहार होते हैं, लेकिन शब्दावली ऐसी हो जिसमें बुद्धि दिखाई दे।"