राफेल विवाद पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री पर फिर निशाना साधा। राहुल ने ट्विटर पर एक वीडियो को शेयर करते हुए मोदी को चोरों का सरगना (इंडियाज कमांडर इन थीफ) बताया। दूसरी ओर कांग्रेस नेताओं ने केंद्रीय सतर्कता आयोग से मिलकर राफेल डील में भ्रष्टाचार के मामले में स्वतंत्र जांच की मांग की है। राहुल द्वारा शेयर किए गए इस वीडियो में एक विदेशी फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति के बयान का जिक्र कर रहा है। ओलांद ने शुक्रवार को कहा था कि फ्रांस के सामने रिलायंस को स्थानीय भागीदार के रूप में चुनने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। हमें सिर्फ रिलायंस डिफेंस का नाम दिया गया था। हालांकि, 24 घंटे बाद ओलांद ने अपना बयान बदलते हुए कहा था कि रिलायंस को चुने जाने के बारे में राफेल बनाने वाली दैसो कंपनी ही कुछ बता सकती है। ओलांद ने ही सितंबर 2016 में हुई राफेल डील पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हस्ताक्षर किए थे। जेटली ने कहा था- ये लॉफ्टर चैलेंज नहीं ओलांद के इस बयान के बाद राहुल ने मोदी के लिए कहा था- जनता के मन में यह बात बैठ गई है कि देश का चौकीदार चोर है। हालांकि, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राहुल को गैरजिम्मेदार बताया था। ओलांद के इस बयान के बाद राहुल ने मोदी के लिए कहा था- जनता के मन में यह बात बैठ गई है कि देश का चौकीदार चोर है। हालांकि, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राहुल को गैरजिम्मेदार बताया था। क्यों है एचएएल-रिलायंस विवाद? इस समझौते में राफेल विमानों के रख-रखाव का जिम्मा भारत की कंपनियों को सौंपा जाना है। इसी के तहत दैसो एविएशन ने अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस के साथ समझौता किया। सरकार ने एचएएल के समझौते से बाहर होने की वजह यूपीए सरकार की नीतियों को बताया। लेकिन, विशेषज्ञों का कहना है कि दैसो ने खुद तकनीक के ट्रांसफर की आशंका के चलते एचएएल के साथ समझौते से इनकार कर दिया था।