आर्थिक संकट से जूझ रही जेट एयरवेज का संचालन अस्थाई रूप से बंद हो सकता है। मंगलवार को एक मीडिया रिपोर्ट में ऐसा कहा गया है। उस रिपोर्ट पर बीएसई ने जेट एयरवेज से सफाई मांगी है। उधर, बीएसई पर जेट का शेयर इंट्रा-डे में 19% गिरावट के साथ 213.20 रुपए पर पहुंच गया। जेट का बोर्ड आज एयरलाइन के भविष्य को लेकर फैसला लेगा। सोमवार को जेट के कर्जदाता बैंकों द्वारा नई फंडिंग देने के लिए हुई बैठक बेनतीजा रही थी। जेट एयरवेज के सीईओ विनय दुबे ने सोमवार को कर्मचारियों को ईमेल के जरिए बताया कि कर्जदाताओं के साथ चल रही बातचीत और दूसरे मुद्दे मंगलवार की बोर्ड मीटिंग में रखे जाएंगे। इसके आधार पर मैनेजमेंट, बोर्ड से सलाह लेकर आगे के लिए फैसले लेगा। अंतरिम फंडिंग नहीं मिलने की वजह से जेट ने अंतरराष्ट्रीय उड़ानें 18 अप्रैल तक रद्द कर दी हैं। जेट एयरवेज सिर्फ 7 विमानों के साथ घरेलू उड़ानें संचालित कर रही है। दिसंबर 2018 में 123 विमान ऑपरेशंस में शामिल थे। 25 मार्च को जेट एयरवेज के बोर्ड ने रेजोल्यूशन प्लान को मंजूरी दी थी। इसके तहत एसबीआई के नेतृत्व वाले बैंकों के कंसोर्शियम से एयलाइन को 1,500 करोड़ रुपए की फंडिंग मिलनी थी। लेकिन, बैंकों की ओर से अभी तक सिर्फ 300 करोड़ रुपए ही मिल पाए हैं। बैंक प्रक्रिया संबंधी देरी (प्रॉसिडरल डिले) को इसकी वजह बता रहे हैं। एसबीआई का कहना है कि जेट को जरूरी मदद मुहैया करवाने की कोशिशें की जा रही हैं। इसमें कंसोर्शियम के दूसरे बैंकों की ओर से सहयोग अहम होगा। फंड नहीं होने की वजह से जेट एयरवेज विमानों की लीज नहीं चुका पा रही और उसे फ्लाइट रद्द करनी पड़ रही हैं। 20,000 कर्मचारियों की नौकरी बचाने के लिए जेट के पायलटों का संगठन नेशनल एविएटर्स गिल्ड प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील कर चुका है। उसने एसबीआई से भी जल्द फंड जारी करने की मांग की है।