नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद शुक्रवार को पांच साल में पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस की। चुनाव प्रचार के आखिरी दिन हुई इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनके साथ भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी मौजूद थे। हालांकि, प्रधानमंत्री ने इस दौरान मीडिया के सवाल नहीं लिए। एक सवाल पर कहा, "मैं पार्टी का अनुशासित कार्यकर्ता हूं। जवाब अध्यक्षजी ही देंगे।'' इससे पहले मोदी ने दोबारा सत्ता में आने का विश्वास जताया। उन्होंने कहा, ''यह सकारात्मक भाव से लड़ा गया शानदार चुनाव रहा। हमें विश्वास है कि हम पूर्ण बहुमत के साथ वापसी करेंगे। मेरा मत है कि पूर्ण बहुमत वाली सरकार पांच साल पूरे करके वापस आए, यह देश में लंबे अरसे के बाद हो रहा है।'' उधर, मोदी-शाह की प्रेस कॉन्फ्रेंस के समय ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी कॉन्फ्रेंस की। राहुल ने कहा, "मैं लाइव सवाल पूछ रहा हूं, आपने राफेल के मुद्दे पर मुझसे खुली बहस क्यों नहीं की?' राहुल के इस सवाल को लेकर जब शाह ने पूछा गया, तो उन्होंने कहा- जब संसद में इस पर जवाब दिए गए, तब राहुल वहां सुनने के लिए भी नहीं बैठे। हमें देश को दुनिया के सामने ले जाना चाहिए- मोदी मोदी ने कहा, भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। इसकी सबसे बड़ी ताकत क्या है? यह किसी राजनीतिक पार्टी का काम नहीं है। मेरा मानना है कि हमें देश को दुनिया के सामने ले जाना चाहिए। 2009 और 14 के चुनाव ऐसे रहे की आईपीएल मैच को भी बाहर ले जाना पड़ा। सरकार सक्षम हो तो आईपीएल भी हो, रमजान भी हो, बच्चों के एग्जाम भी होते हैं, नवरात्र भी होते हैं। 17 मई 2014 से ईमानदारी की शुरुआत हुई- मोदी प्रधानमंत्री ने कहा, ''16 मई को पिछली बार चुनाव नतीजे आए थे। 17 मई को बहुत बड़ी कैजुअल्टी हुई थी। सट्टा खोरों को उस दिन अरबों रुपयों का नुकसान हुआ था। पहले जो सट्टा बाजार चलता था वो कांग्रेस की 150 सीटों के लिए और भाजपा के लिए 118 और 120 सीटों के लिए चलता था। शायद ईमानदारी की शुरुआत 17 मई को हुई थी।''