पश्चिम बंगाल में कार्यकर्ताओं की हत्या के विरोध में भाजपा ने बुधवार को कोलकाता के लाल बाजार स्थित पुलिस मुख्यालय का घेराव किया। इस दौरान कुछ लोगों के बैरिकेड तोड़ने की कोशिश करने पर पुलिस ने पानी की बौछार की और आंसू गैस के गोले दागे। प्रदर्शन के मद्देनजर 3 हजार से ज्यादा जवान तैनात हैं। भाजपा नेता मुकुल रॉय का आरोप है कि 8 जून की रात तृणमूल समर्थकों ने बशीरहाट में उनके 4 कार्यकर्ताओं की गोली मारकर हत्या कर दी थी। भाजपा के एक कार्यकर्ता ने कहा- ''हमने कोई बैरिकेड नहीं तोड़ा। हम शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे। बंगाल पुलिस ने गलत तरीके से बल प्रयोग किया। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कोलकाता के पुलिस कमिश्नर को इसका जवाब देना चाहिए।'' ममता ने कहा था- बंगाल को गुजरात बनाने की कोशिश मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा था कि राज्य में फैली हिंसा में तृणमूल के 8 और भाजपा के 2 कार्यकर्ता मारे गए। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि भाजपा बंगाल को गुजरात बनाने की कोशिश कर रही है। मैं जेल जाने के लिए तैयार हूं लेकिन यह नहीं होने दूंगी। ममता ने इसी दिन कोलकाता के कॉलेज स्ट्रीट और विद्यासागर कॉलेज में ईश्वरचंद्र विद्यासागर की प्रतिमा का अनावरण भी किया था। भाजपा का आरोप- जय श्री राम बोलने पर हत्या उत्तर 24 परगना जिले में सोमवार को हुए विस्फोट में 2 लोगों की मौत हो गई। जबकि चार घायल हो गए। उधर, भाजपा ने आरोप लगाया है कि जय श्री राम के नारे लगाने पर तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने पार्टी कार्यकर्ता की गला दबाकर हत्या कर दी। पुलिस ने फिलहाल हत्या के कारणों पर कुछ नहीं कहा। विजयवर्गीय ने कहा- बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू हो सकता है भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था, ‘‘बंगाल में हिंसा की जिम्मेदारी ममता बनर्जी की है। वे बदले की भावना से लोगों को भड़का रही हैं। ममता अपने कार्यकर्ताओं से कह रही हैं कि जहां से उनकी पार्टी हार रही है, वहां भाजपा कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया जाए। सारे गुंडे सत्ताधारी तृणमूल के पास ही हैं, उनके पास पिस्तौल और बम हैं। हमारे कार्यकर्ताओं के पास कोई हथियार नहीं है। बंगाल में ऐसे ही हिंसा होती रही तो केंद्र को हस्तक्षेप करना पड़ेगा। जरूरी हुआ तो बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू हो सकता है।’’