भारत ने चीन सरकार से वुहान में फंसे 250 छात्रों को वापस भेजने की अपील की है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि बीजिंग में भारतीय दूतावास लगातार संपर्क में है। हम वहां रहने वाले भारतीयों पर करीब से नजर रख रहे हैं। कोरोनावायरस का केंद्र माने जा रहे वुहान में अब तक 46 लोगों की मौत हो चुकी है। चीन ने कोरोनावायरस की रोकथाम के लिए वुहान को पूरी तरह लॉकडाउन कर दिया है। 16 अन्य शहरों में भी सार्वजनिक यातायात सेवाएं बंद कर दी गई हैं। यानी यहां से कोई भी व्यक्ति बाहर नहीं जा सकता। वुहान में लगभग 700 भारतीय छात्र पढ़ते हैं। नए साल की छुट्टियों पर ज्यादातर भारत आ गए थे। 250 छात्र वुहान में ही फंसे रह गए। इन बच्चों के माता-पिता ने कोरोनावायरस के तेजी से फैलने की खबरों के बीच उनके हालात पर चिंता जताई थी। वुहान यूनिवर्सिटी की एक मेडिकल स्टूडेंट के पिता कुमारन जे के मुताबिक, छात्रों का खाने-पीने का सामान खत्म हो रहा है। वहां यातायात के साधनों के साथ दुकानें बंद हैं। लोगों को घरों से बाहर नहीं निकलने को कहा गया है। छात्र जब वुहान से निकलने की कोशिश में थे, तभी ट्रांसपोर्ट सेवाएं बंद कर दी गईं। भारतीयों की मदद के लिए 3 हेल्पलाइन नंबर जारी विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि बीजिंग में स्थित भारतीय दूतावास सभी नागरिकों की सेहत पर नजर रखे हुए है। उन्होंने हालात की ताजा जानकारी के लिए दूतावास के संपर्क में रहने की सलाह भी दी है। इस बीच बीजिंग में भारतीयों के लिए 3 हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं। इन नंबरों पर 24 घंटे भारतीयों के बारे में जानकारी ली जा सकती है।