यूएई के दुबई में 15 सितंबर से 14वें एशिया कप क्रिकेट टूर्नामेंट की शुरुआत होगी। टूर्नाामेंट में 6 देश हिस्सा ले रहे हैं। इसमें 5 देश अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के पूर्णकालिक सदस्य हैं। टूर्नामेंट में भाग लेने वाली हॉन्गकॉन्ग ही आईसीसी की एसोसिएट सदस्य है। भारत छह बार इसका चैम्पियन रहा है। इनमें महेंद्र सिंह धोनी और मोहम्मद अजहरुद्दीन सबसे सफल कप्तान रहे हैं। धोनी की कप्तानी में भारत तीन बार फाइनल खेला और दो बार चैम्पियन बना। अजहर के कप्तान रहते टीम इंडिया दो बार फाइनल में पहुंची और दोनों बार चैम्पियन बनी। इस बार टीम की कमान रोहित शर्मा के हाथों में है। गावस्कर-वेंगसरकर ने भी जिताया खिताब ः अजहर, धोनी के अलावा सुनील गावस्कर, दिलीप वेंगसरकर, सचिन तेंडुलकर, सौरव गांगुली और विराट कोहली ने एशिया कप में भारतीय टीम की कप्तानी की। सिर्फ कोहली के कप्तान रहते टीम एक भी फाइनल नहीं खेल पाई। हालांकि, टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा मैच जीतने का रिकॉर्ड श्रीलंका के नाम है। उसने अब तक 35 मैच जीते हैं। श्रीलंका ही ऐसी टीम है जिसने इस टूर्नामेंट के हर संस्करण में यानी 13 बार भाग लिया है। एशिया कप का पहला चैम्पियन ः 1984 में पहले संस्करण में सुनील गावस्कर ने भारतीय टीम की अगुआई की। इस बार सिर्फ तीन टीमों ने ही भाग लिया। भारत चैम्पियन बना। श्रीलंका को उपविजेता ट्रॉफी से संतोष करना पड़ा। 1988 में एशिया कप में दिलीप वेंगसरकर टीम इंडिया के कप्तान थे। उन्होंने न सिर्फ भारत को फाइनल तक पहुंचाया, बल्कि श्रीलंका को 6 विकेट से हराकर टीम को चैम्पियन बनाया। अजहर ने दोनों बार चैम्पियन बनाया ः 1990/91 में मोहम्मद अजहरुद्दीन की कप्तानी में भारत ने एशिया कप खेला। मेजबान भारत ने ईडन गार्डंस में हुए फाइनल में श्रीलंका को 7 विकेट से हराकर टूर्नामेंट का खिताब जीता। अगला संस्करण 4 साल बाद 1995 में हुआ। अजहर ने भारत की अगुआई की। भारत-श्रीलंका फाइनल में पहुंचे एक बार फिर परिणाम टीम इंडिया के पक्ष में रहा। इस बार भारत 8 विकेट से जीता। सचिन-सौरव की अगुआई में भी फाइनल खेली टीम ः 1997 में सचिन तेंडुलकर की अगुआई में भारत ने श्रीलंका में एशिया कप खेला। सचिन ने टीम को फाइनल तक तो पहुंचाया, लेकिन भारत को वे चैम्पियन बनाने में असफल रहे। श्रीलंका 8 विकेट से जीता। 2000 में बांग्लादेश में हुए एशिया कप में सौरव गांगुली ने टीम इंडिया की अगुआई की। हालांकि, उनकी कप्तानी में टीम फाइनल के लिए क्वालिफाई नहीं कर सकी। श्रीलंका को हराकर पाकिस्तान चैम्पियन बना। 2004 में फिर सौरव की अगुआई में भारत ने श्रीलंका में एशिया कप खेला। वे भारत को फाइनल तक पहुंचाने में तो सफल रहे, लेकिन चैम्पियन नहीं बना पाए। श्रीलंका ने भारत को 25 रन से हराया और खिताब जीता। तीन में से एक फाइनल जीता ः धोनी ने 2008 में एशिया कप में बतौर कप्तान ही पदार्पण किया। इस साल भारत ने फाइनल खेला। हालांकि, खिताबी मुकाबले में श्रीलंका ने फाइनल में उसे 100 रन से हरा दिया और भारत उपविजेता बना। 2010 में श्रीलंका में एशिया कप हुआ और धोनी ने टीम इंडिया की अगुआई की। पिछली बार की तरह फाइनल भारत-श्रीलंका के बीच हुआ, लेकिन इस बार जीत का सेहरा भारत के सिर बंधा। 2012 में बांग्लादेश में हुए एशिया कप में धोनी ही भारत के कप्तान थे। हालांकि, उस बार वे टीम को फाइनल तक पहुंचाने में असफल रहे। तब फाइनल में पाकिस्तान ने बांग्लादेश को हराया था। कोहली नहीं पहुंचा पाए फाइनल में ः 2014 में फिर बांग्लादेश ने मेजबानी की। विराट कोहली ने भारत की अगुआई की। धोनी टीम में नहीं थे। भारत फाइनल के लिए क्वालिफाई नहीं कर पाया। श्रीलंका ने पाकिस्तान को हराकर खिताब जीता। धोनी ने छठी बार भारत को बनाया चैम्पियन ः 2016 में टीम इंडिया की कमान फिर धोनी के हाथों में थी। उन्होंने भारत को फाइनल में पहुंचाया। साथ ही मेजबान बांग्लादेश के खिलाफ 8 विकेट से जीत दर्ज कर टीम इंडिया को फिर चैम्पियन बनाया। धोनी ने एशिया कप में 13 मैच खेले। उन्होंने 95.16 की औसत से 571 रन बनाए। इसमें एक शतक (109*) भी शामिल है। विकेटकीपिंग करते हुए उन्होंने 19 कैच पकड़े और पांच खिलाड़ियों को स्टम्प किया।