आईसीसी वनडे रैंकिंग में भारतीय टीम दूसरे स्थान पर है। उसने घरेलू मैदान पर लगातार छह वनडे सीरीज जीती हैं। टीम इंडिया की इस सफलता में जितना योगदान बल्लेबाजों का रहा है, उतना ही भुवनेश्वर कुमार, जसप्रीत बुमराह, कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल की चौकड़ी का भी। इन चारों के रहते भारत ने 10 बार पहले गेंदबाजी की और नौ में जीत मिली। टीम इंडिया ने इनके रहते कुल 17 मुकाबले खेले, जिसमें 13 जीते और सिर्फ चार हारे। इस दौरान भारत का सक्सेस रेट 76.47 रहा। चारों ने मिलकर कुल दो बार विपक्षी टीम के सभी खिलाड़ियों को आउट किया इन 17 मुकाबलों में भुवी, बुमराह, कुलदीप और चहल ने मिलकर 112 विकेट अपने नाम किए। इनमें से दो बार इन्हीं चारों ने विपक्षी टीम के सभी दस विकेट लिए। वहीं, एक बार नौ और तीन बार आठ-आठ विकेट लिए। इस दौरान भारत एशिया कप का खिताबी मुकाबला भी जीता था। इन चारों के रहते भारत के खिलाफ पहले बल्लेबाजी करते हुए विपक्षी टीम चार बार ही 250+ रन बना पाई। इन चारों के रहते विपक्षी टीम कभी भी 300 का आंकड़ा पार नहीं कर सकी। 2017 में ऑस्ट्रेलिया ने सबसे ज्यादा 294 रन बनाए थे, जबकि दक्षिण अफ्रीका ने इस साल सबसे कम 119 रन बनाए। तीन बार विपक्षी टीम 200 के अंदर सिमट गई। भुवी, बुमराह, कुलदीप और चहल के रहते भारत ने 10 बार लक्ष्य का पीछा किया। इसमें से उसे लगातार नौ में जीत मिली। सिर्फ वेस्टइंडीज के खिलाफ मंगलवार को खत्म हुई सीरीज के तीसरे मैच ही ऐसा रहा, जिसमें भारत को 43 रन से हार का सामना करना पड़ा। माना जाता है कि भारतीय गेंदबाज विदेशी जमीन पर बेहतर प्रदर्शन नहीं करते, लेकिन इन चारों ने उस धारणा को भी तोड़ा। इनके रहते जिन 10 मुकाबलों में भारत ने पहले गेंदबाजी की, उनमें से सात मैच विदेश में खेले गए। टीम इंडिया ने सभी मुकाबले जीते। ओवरऑल करियर की बात करें तो कुलदीप ने 33 वनडे में 67 विकेट लिए। 25 रन देकर छह विकेट उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा है। चहल ने 34 वनडे में 56 विकेट हासिल किए हैं। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 22 रन देकर पांच विकेट है। बुमराह ने 44 वनडे खेले हैं। इसमें उनके नाम 78 विकेट हैं। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 27 रन पर पांच विकेट है। भुवनेश्वर ने इन चारों में सबसे ज्यादा 95 मैच खेले। इसमें 99 विकेट लिए। 42 रन पर पांच विकेट उनका सबसे बेहतरीन प्रदर्शन है।