भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने टीम इंडिया के कोचिंग स्टाफ के लिए नए आवेदन मंगवाए हैं। आवेदन जमा करने की अंतिम तारीख 30 जुलाई है। बोर्ड को गेंदबाजी कोच भरत अरुण, बल्लेबाजी कोच संजय बांगड़ और फील्डिंग कोच आर श्रीधर की जगह नए कोचिंग स्टाफ की तलाश है। हालांकि, अब ऐसा माना जा रहा है कि भरत अरुण और आर श्रीधर अपनी जगह बचाने में कामयाब हो सकते हैं, लेकिन बांगड़ की छुट्टी तय मानी जा रही है। इन तीनों का कार्यकाल मुख्य कोच रवि शास्त्री के साथ बढ़ा दिया गया है। दरअसल, भारतीय कोचिंग स्टाफ का कार्यकाल वर्ल्ड कप के बाद समाप्त हो गया था, लेकिन वेस्टइंडीज दौरे को ध्यान में रखते हुए अनुबंध को 45 दिन के लिए बढ़ा दिया गया। वर्तमान कोचिंग स्टाफ को आवेदन देने की आवश्यकता नहीं है। इनका सीधे इंटरव्यू होगा। वर्ल्ड कप विजेता कप्तान कपिलदेव की अध्यक्षता वाली क्रिकेट सलाहकार समिति मुख्य कोच के बारे में फैसला लेगी। चयनकर्ताओं को सहयोगी स्टाफ के लिए इंटरव्यू लेने को कहा गया है। सूत्रों के मुताबिक, क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में टीम इंडिया की बेहतरीन गेंदबाजी को देखते हुए भरत अरुण का कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है। बीसीसीआई के एक पदाधिकारी के मुताबिक, ‘पिछले 18 से 20 महीने से अरुण ने बेहतर काम किया है। मौजूदा गेंदबाजी आक्रमण टेस्ट के लिए बेहतरीन है। मोहम्मद शमी फॉर्म में हैं और जसप्रीत बुमराह लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसका श्रेय अरुण को जाता है। चयनकर्ताओं के लिए उनकी जगह किसी और को तरजीह देना मुश्किल होगा।’ बांगड़ के साथ ऐसा नहीं है। वे चार साल से टीम के साथ हैं, लेकिन मजबूत मध्यक्रम नहीं बना सके। पदाधिकारी ने कहा, ‘विराट कोहली और रोहित शर्मा उनके आने से पहले भी अच्छा खेल रहे थे। उन दोनों की सफलता में बांगड़ का योगदान नहीं है। उनका काम वर्ल्ड कप से पहले मजबूत मध्यक्रम बनाने का था, लेकिन वे इसमें नाकाम रहे।’ पिछले वर्ल्ड कप के बाद भारतीय टीम ने चौथे क्रम पर अजिंक्य रहाणे, अंबाती रायडू, दिनेश कार्तिक, केदार जाधव, श्रेयस अय्यर, विजय शंकर को चौथे और पांचवें नंबर पर फिट करने की कोशिश की। कोई भी बल्लेबाज लंबे समय तक टीम में नहीं रह सका। इस वर्ल्ड कप में चार बल्लेबाज चौथे स्थान पर खेले, लेकिन एक भी अर्धशतक नहीं लगा सके।