टेस्ट क्रिकेट में बतौर ओपनर मौका देने के लिए रोहित शर्मा ने कप्तान विराट कोहली और कोच रवि शास्त्री का शुक्रिया अदा किया है। उन्होंने मंगलवार को कहा कि मैं इन दोनों का शुक्रगुजार हूं, क्योंकि उन्होंने मेरी काबिलियत पर भरोसा जताया। रोहित ने द. अफ्रीका के खिलाफ 3 टेस्ट मैचों की चार पारियों में 132.25 की औसत से 529 रन बनाए। उन्होंने तीन शतक लगाए, इसमें उनके टेस्ट करियर का पहला दोहरा शतक (212 रन) भी शामिल है। रोहित को मैन ऑफ द सीरीज चुना गया। रोहित ने विशाखापट्टनम के पहले टेस्ट में 176 और 127 रन की पारियां खेलीं थीं। दूसरे टेस्ट में वे 14 रन ही बना सके थे। तीसरे टेस्ट में दोहरा शतक लगाया। उन्हें मैन ऑफ द मैच भी चुना गया। ‘बतौर ओपनर आपको ज्यादा अनुशासित रहना पड़ता है’ रोहित ने कहा, ‘फॉर्मेट कोई भी हो, बतौर ओपनर आपको ज्यादा अनुशासित रहना पड़ता है। 2013 में मैंने वनडे में ओपनिंग शुरू की थी। उसी वक्त मैंने यह अनुशासन का मंत्र अपना लिया था। मेरी सफलता में इसका बड़ा योगदान है।’ नई गेंद का सामना करना आसान नहीं: रोहित रोहित ने कहा, ‘अगर मैं शुरुआती एक घंटा निकाल लेता हूं तो फिर उसके बाद अपनी गलती से ही आउट हो सकता हूं। नई गेंद का सामना करना आसान नहीं होता। एक बार आप जब यह वक्त निकाल लेते हैं तो अपने हिसाब से खेल सकते हैं। मैं खुद से यही कहता हूं कि नई गेंद का सामना समझदारी और संयम से किया जाए। इससे मुझे और टीम दोनों को फायदा होता है।’