Published on October 15, 2025 | Views: 321
सेठ बी0एन0 पोद्दार इंटर कॉलेज के ग्राउंड में आयोजित स्वदेशी मेला में वित्त मंत्रालय द्वारा प्रारंभ "आपकी पूंजी, आपका अधिकार" जन-जागरण अभियान के अंतर्गत जमाकर्ता शिक्षा एवं जागरूकता कोष विषय पर एक ज़िला स्तरीय जागरूकता एवं सहायता शिविर का उद्घाटन जिलाधिकारी श्री चंद्र प्रकाश सिंह जी द्वारा किया गया। जिलाधिकारी श्री चंद्र प्रकाश सिंह ने माँ सरस्वती जी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित किया। कार्यक्रम में परियोजना निदेशक श्री ए0के0 उपाध्याय, अग्रणी जिला प्रबंधक श्री रवीन्द्र कुमार सिन्हा, क्षेत्रीय प्रबंधक केनरा बैंक श्री बरुण कुमार सिंह, क्षेत्रीय प्रबंधक उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक श्री आर0एस0 वर्मा, एल0डी0ओ0 भारतीय रिजर्व बैंक श्री नितिन कुमार, डी0डी0एम0 नाबार्ड श्री अभिषेक शुक्ला, शाखा प्रबंधक इंडियन ओवरसीज़ बैंक सुश्री चंचल पालिया, शाखा प्रबंधक इंडियन ओवरसीज़ बैंक सिविल लाइंस, वरिष्ठ सलाहकार सी0एफ0एल0 श्री अमित चतुर्वेदी, शिविर प्रबंधक/ प्रबंधक केनरा बैंक अग्रणी जिला बैंक मथुरा श्री अंशुल कुमार वार्ष्णेय आदि उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में जिलाधिकारी ने कहा कि जमाकर्ता शिक्षा एवं जागरूकता फंड के इस ज़िला स्तरीय जागरूकता शिविर का उद्घाटन करते हुए मुझे अत्यंत हर्ष और संतोष का अनुभव हो रहा है। यह शिविर केवल एक औपचारिक आयोजन नहीं, बल्कि उन लाखों लोगों के अधिकारों को पुनर्स्थापित करने का प्रयास है, जिनकी मेहनत की कमाई वर्षों से बिना दावे के पड़ी हुई है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने वर्ष 2014 में डीईए फंड योजना की शुरुआत इसी उद्देश्य से की थी कि ऐसे बैंक जमा, जिन पर दस वर्ष या उससे अधिक समय तक कोई दावा नहीं किया गया, उन्हें एक सुरक्षित कोष में रखा जाए। महत्वपूर्ण बात यह है कि यह धनराशि किसी भी स्थिति में सरकार या बैंक की संपत्ति नहीं बनती, बल्कि जमाकर्ता या उसके कानूनी उत्तराधिकारी इसे किसी भी समय वापस प्राप्त कर सकते हैं।
31 मार्च 2024 तक, डीईए फंड में कुल रुपए 78,212.53 करोड़ की दावा नहीं की गई, जो जमाराशियाँ स्थानांतरित की जा चुकी हैं। 30 जून 2025 तक, भारतीय बैंकों ने लगभग रुपए 67,000 करोड़ की अतिरिक्त राशि इस फंड में स्थानांतरित की है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का योगदान सबसे अधिक रुपए 58,330.26 करोड़ है, जिसमें भारतीय स्टेट बैंक ने रुपए 19,329.92 करोड़ के साथ सबसे बड़ा योगदान दिया है। निजी क्षेत्र के बैंकों ने भी रुपए 8,673.72 करोड़ स्थानांतरित किए हैं, जिनमें आईसीआईसीआई बैंक का योगदान रुपए 2,063.45 करोड़ है।
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि लोगों की भारी-भरकम धनराशि अब भी अनजाने में बैंकों में बिना दावे के पड़ी हुई है। यह हमारा दायित्व है कि हम इस धन को उसके वास्तविक मालिक तक पहुँचाएँ। इस दिशा में भारतीय रिज़र्व बैंक ने हाल ही में डीईए फंड के परिचालन दिशा-निर्देशों में संशोधन किया है, जो 1 अक्टूबर 2025 से प्रभावी हो चुके हैं। अब बैंक ई-कुबेर प्रणाली पर ऑनलाइन पंजीकरण के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक दावे और स्थानांतरण कर सकेंगे, जिससे प्रक्रिया और तेज व पारदर्शी हो जाएगी।
सभी नागरिकों से जिलाधिकारी ने आग्रह किया है कि उदगम पोर्टल का उपयोग कर अपने नाम से जुड़ी दावा न की गई जमा राशि की खोज अवश्य करें। अपने बैंक खाते सक्रिय रखें, के0वाई0सी0 अपडेट कराएं और समय-समय पर खाते का उपयोग करें। यदि आपके माता-पिता, रिश्तेदार या दिवंगत परिजनों के पुराने खाते हैं, तो उनके दावे बैंक में जाकर दर्ज कराएँ।
Category: Uttar pradesh