Published on September 25, 2025 | Views: 510
भारत की राष्ट्रपति, महामहिम श्रीमती द्रौपदी मुर्मू, ने गुरुवार को मथुरा और वृंदावन का एक दिवसीय दौरा किया, जो पूरी तरह से धर्म और आध्यात्म को समर्पित था।
सुबह करीब 10 बजे राष्ट्रपति का आगमन वृंदावन रोड रेलवे स्टेशन पर हुआ, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया। प्रदेश के गन्ना विकास मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी, महापौर विनोद कुमार अग्रवाल, और वरिष्ठ पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने उनकी अगवानी की। इस दौरान, रेलवे स्टेशन को दुल्हन की तरह सजाया गया था और ढोल-नगाड़ों की धुन से उनका अभिनंदन किया गया।
बांके बिहारी मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना
रेलवे स्टेशन से राष्ट्रपति का काफिला ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के लिए रवाना हुआ। परिक्रमा मार्ग से होते हुए उन्होंने गोल्फ कार्ट से मंदिर तक का सफर तय किया। मंदिर में राष्ट्रपति ने अपनी बेटी, दामाद और बच्चों के साथ विधि-विधान से पूजा-अर्चना की। पूजन के दौरान, उन्होंने बांके बिहारी के समक्ष रोली, सतिया और चावल अर्पित किए और एक बड़ा घी का दीपक भी जलाया। इस दौरान, मंदिर में आम भक्तों का प्रवेश वर्जित रहा और विशेष रूप से वीआईपी कटघरा हटा दिया गया था ताकि वे सहजता से दर्शन कर सकें।
निधिवन राज मंदिर और सुदामा कुटी आश्रम का भ्रमण
बांके बिहारी मंदिर के बाद, राष्ट्रपति निधिवन राज मंदिर पहुँची, जहाँ उन्हें पटका पहनाकर सम्मानित किया गया। उनके दौरे की एक खास बात यह रही कि ठाकुर जी का रात का शयन श्रृंगार उनकी तरफ से किया जाएगा, जिसकी सामग्री भी उन्होंने भेंट की। उन्होंने रंग महल में लगभग 10 मिनट तक पूजा की और मंदिर के इतिहास के बारे में जानकारी ली। मंदिर की ओर से राष्ट्रपति और उनके परिवार को चांदी की बांसुरी भेंट की गई।
इसके उपरांत, उनका काफिला सुदामा कुटी आश्रम पहुँचा, जहाँ उन्होंने सुदामा दास महाराज की भजन कुटी का लोकार्पण किया। इस अवसर पर, उन्होंने अपनी माँ के नाम पर एक कल्पवृक्ष का पौधा रोपित किया और गौ-पूजा कर आशीर्वाद भी लिया।
सुरक्षा और व्यवस्था का विशेष इंतजाम
राष्ट्रपति के इस दौरे को लेकर प्रशासन ने चाक-चौबंद व्यवस्था की थी। सुरक्षा के लिए सेना, पुलिस और जीआरपी के अलावा बंदरों से बचाव के लिए लंगूरों की भी विशेष व्यवस्था की गई थी। सुदामा कुटी आश्रम में 30 मिनट रुकने के बाद, राष्ट्रपति का काफिला होटल रेडिसन पहुँचा, जहाँ उन्होंने विश्राम और भोजन ग्रहण किया। यह दौरा धार्मिक और आध्यात्मिक भावनाओं से परिपूर्ण रहा, जो वृंदावन की पवित्रता को और भी उजागर करता है। यहां से उनका काफिला मथुरा स्थित कृष्ण कुब्जा मंदिर एवं श्री कृष्ण जन्मभूमि के लिए रवाना हुआ।
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