Published on December 3, 2025 | Views: 126
महाराष्ट्र के 19 वर्षीय युवा वैदिक साधक श्री देवव्रत महेश रेखे जी ने अद्वितीय साधना और अद्भुत स्मरण शक्ति से 2000 वैदिक मंत्रों को कंठस्थ करते हुए जो अभूतपूर्व उपलब्धि अर्जित की है, वह पूरे आध्यात्मिक जगत के लिए प्रेरणा का नव-दीप है।
शुक्ल यजुर्वेद की माध्यन्दिन शाखा के 'दण्डकर्म पारायणम्' को 50 दिनों तक अखंड, शुद्ध और पूर्ण अनुशासन के साथ संपन्न करना, हमारी प्राचीन गुरु-परंपरा के गौरव का पुनर्जागरण है।
मेरे लिए विशेष गर्व का विषय है कि यह वैदिक अनुष्ठान पवित्र काशी की ही दिव्य धरा पर सम्पन्न हुआ। उनके परिवार, आचार्यों, संत-मनीषियों और उन सभी संस्थाओं का हृदय से अभिनंदन, जिनके सहयोग से यह तपस्या सिद्धि को प्राप्त हुई।
देवव्रत जी, आपकी यह उपलब्धि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का प्रकाश-स्तंभ बने, ऐसी मंगलकामना के साथ हार्दिक बधाई
Category: Uttar pradesh