प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को जी-20 शिखर सम्मेलन से हटकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे से त्रिपक्षीय बातचीत की। यह पहला मौका है, जब तीनों देशों के बीच वार्ता हुई। बैठक में मोदी ने साझा मूल्यों पर साथ मिलकर काम करने पर जोर दिया। मोदी ने कहा कि जापान-अमेरिका-भारत (जेएआई- जय) की बैठक लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति समर्पित है। ‘जेआईए’ का अर्थ जीत से है। उन्होंने कहा कि यह बैठक तीनों देशों के विचारों को एकसाथ लाना है। वहीं, शिंजो आबे ने कहा कि जेएआई में शामिल होकर वे काफी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। बैठक के दौरान ट्रम्प ने भारत के विकास और गाथा की तारीफ भी की। आतंकवाद, बहुपक्षीय हितों समेत कई अहम मुद्दों पर हुई चर्चा बैठक में तीनों देशों के बीच संपर्क, आतंकवाद, समुद्री सुरक्षा और स्थायी विकास जैसे वैश्विक और बहुपक्षीय हितों के सभी अहम मुद्दों पर बातचीत हुई। यह बैठक काफी अहम मानी जा रही है। क्योंकि यह ऐसे वक्त पर हुई, जब चीन दक्षिण चीन सागर में क्षेत्रीय विवाद और पूर्वी चीन सागर में जापान के साथ विवाद में उलझा है। ये दोनों क्षेत्र खनिज, तेल और अन्य प्राकृतिक संसाधनों से संपन्न हैं। भारत-चीन-रूस में भी त्रिपक्षीय वार्ता मोदी ने सम्मेलन से इतर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ भी त्रिपक्षीय वार्ता की। बैठक में तीनों देशों के बीच विश्व शांति, स्थिरता और विकास को संयुक्त रूप से बढ़ावा देने और आपसी सहयोग बढ़ाने के लिए सहमत हुए। अर्जेंटीना के राष्ट्रपति मॉरीसिओ मैक्रिया ने सभी देशों के राष्ट्राध्यक्षों के लिए रात्रिभोज का आयोजन किया। इस दौरान मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल समेत कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात की।