केरल सरकार सबरीमाला में महिलाओं के प्रवेश का विरोध करने वालों के खिलाफ 1 जनवरी को 600 किमी लंबी महिला श्रृंखला बनाएगी। यह श्रृंखला कासरगोड से तिरुवनंतपुरम तक बनेगी। केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने कहा कि यह श्रृंखला राज्य की धर्मनिरपेक्ष और प्रगतिशीलता छवि को देश के सामने रखेगी। इस फैसले को मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के समर्थन पर शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है। केरल को अंधेरे में नहीं धकेल सकते- विजयन विजयन ने रविवार को महिलाओं के प्रवेश का समर्थन करने वाले 50 से ज्यादा सामाजिक संगठनों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा- हम केरल के प्रगतिशील समाज को अंधेरे में नहीं धकेल सकते। सबरीमाला मंदिर में सुप्रीम कोर्ट के हर उम्र की महिलाओं के प्रवेश के आदेश के खिलाफ राज्यभर में प्रदर्शन कर रहे हिंदूवादी संगठनों को लेकर राज्य सरकार ने सामाजिक संगठनों की बैठक बुलाई थी। विजयन ने बताया कि बैठक में हिस्सा लेने वाले सभी सामाजिक संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का विरोध कर रहे लोगों के खिलाफ 1 जनवरी को कासरगोड से तिरुवनंतपुरम तक महिलाओं की दीवार बनाने का फैसला किया। इससे हम पूरे देश को केरल की प्रगतिशील सोच के बारे में बताएंगे। भाजपा की समिति शाह को सौंपेगी रिपोर्ट विरोध प्रदर्शनों को लेकर भाजपा ने केरल में चार सदस्यीय केंद्रीय समिति भेजी है। यह समिति 15 दिन में अपनी रिपोर्ट भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को सौंपेगी। इस समिति में राज्य सभा सांसद सरोज पांडे, प्रहलाद जोशी, नलिन कुमार कतील, विनोद सोनकर शामिल हैं। 62 दिन की पूजा के लिए खुला मंदिर 28 सिंतबर को सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर में हर महिला के प्रवेश की इजाजत दी। इससे पहले यहां 10 से 50 साल उम्र की महिला के प्रवेश पर रोक थी। यह प्रथा 800 साल से चली आ रही है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पूरे राज्यभर में विरोध हो रहा है। आदेश के बाद 16 नवंबर को तीसरी बार मंदिर खोला गया। मंदिर 62 दिनों की पूजा के लिए खुला है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी विरोध के चलते अभी तक कोई महिला मंदिर में प्रवेश नहीं कर पाई।