चैत्र नवरात्र के पहले दिन शनिवार को शहर के प्रमुख मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लगी हुई है। चैत्र नवरात्र को लेकर भक्तों में खासा उत्साह नजर आ रहा है। दुर्गा कुंड मंदिर में श्रद्धालु देर रात से दर्शन पूजन के लिए लाइन में लग रही है। शनिवार सुबह से ही मां शैलपुत्री के अलईपुरा स्थित प्राचीन मंदिर में हजारों भक्तों की भीड़ लगी है। पुलिस की तरफ से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। पंडित गजेंद्र कुमार ने बताया कि मां के एक हाथ में त्रिशूल और दूसरे में अमृत कलश है।जिससे वह भक्तों पर अमृत वर्षा करती हैं। हिमालयराज की पुत्री होने की वजह से उन्हें शैलपुत्री कहा गया। गजेंद्र कुमार ने बताया कि दुर्गा की शक्ति संतुलित भी है। किसी भी प्रकार की साधना के लिए शक्ति का होना जरूरी है और शक्ति की साधना का पथ अत्यंत गूढ और रहस्यपूर्ण है। हम नवरात्र में व्रत इसलिए करते हैं,ताकि अपने भीतर की शक्ति, संयम और नियम से सुरक्षित हो सकें, उसका अनावश्यक अपव्यय न हो।