इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बनारस में श्री काशी विश्वनाथ कॉरीडोर को लेकर दायर तमाम याचिकाओं को बुधवार को खारिज कर दिया। इससे पहले अदालत ने इस मामले की सुनवाई करते हुए एक मई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। उस समय अदालत ने आदेश आने तक यथा स्थिति बहाल रखने का आदेश दिया था। यह मामला वाराणसी में प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट, गंगा नदी से विश्वनाथ मंदिर तक बन रहे 'श्री काशी विश्वनाथ कॉरीडोर' के विस्तारीकरण एवं सौन्दर्यकरण से जुड़ा है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर प्रोजेक्ट को लेकर सात याचिकाएं डाली गई थीं। हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल और न्यायमूर्ति अमित थालेकर की दो सदस्यीय खंडपीठ ने बुधवार को अपना फैसला सुनाते हुए सातों याचिकाओं को खारिज कर दिया। तीर्थयात्रियों को होगी सहूलियत: विश्वनाथ मंदिर धाम बन जाने के बाद तीर्थयात्रियों को संकरी गलियों के सहारे विश्वनाथ मंदिर पहुंचने से मुक्ति मिल जाएगी। तीर्थयात्री सीधे मणिकर्णिकाघाट,जलासेन व ललिताघाट से काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचने सकेंगे। दिव्यांग तीर्थयात्री व वीआईपी ही छत्ताद्वार से प्रवेश करेंगे। योगी सरकार ने दी 600 करोड़ रुपए की मंजूरी: दिसंबर 2017 में इस परियोजना के लिए 600 करोड़ रूपए की मंजूरी दी है। अब तक इसके लिए काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन को 183 करोड़ रुपए आवंटित किए जा चुके हैं।