जिले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए जिले के नगर परिषद कमिश्नर विनयपाल सिंह और स्थानीय पार्षद मनोज कुमावत को एक लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। रिश्वत की यह रकम शिकायतकर्ता परिवादी की जमीन पर प्लॉटिंग कराने की एवज में पार्षद के मार्फत ली जा रही थी। यह कार्रवाई एसीबी मुख्यालय से एडीजी सौरभ श्रीवास्तव, आईजी दिनेश एमएन के निर्देशन में जयपुर शहर द्वितीय के प्रभारी एडिशनल एसपी देशराज यादव के नेतृत्व में की गई। एसीबी ने विनयपाल के पिलानी निवास पर भी जांच के लिए टीम को भेजा है। वहीं पार्षद मनोज कुमावत के घर पर भी जांच की गई। एसीबी की टीम दोनो से बंद कमरे में पूछताछ कर रही है। डीजी एसीबी डॉ. आलोक त्रिपाठी ने बताया कि इस संबंध में परिवादी ने एसीबी में शिकायत दर्ज करवाई थी। जिसमें बताया था कि उसकी जमीन की प्लाटिंग करवाने की एवज में नगर परिषद आयुक्त विनयपाल सिंह 4 लाख रुपए की रिश्वत मांग रहा है। कमिश्नर ने यह रकम झुंझुनूं शहर के वार्ड नंबर 8 के पार्षद मनोज कुमावत को देने को कही। एसीबी ने शिकायत का सत्यापन करवाया। तब परिवादी से 50 हजार रुपए एडवांस रिश्वत की रकम को पार्षद मनोज कुमावत के मार्फत लिया गया। इसके बाद शुक्रवार को ट्रेप की कार्रवाई रची गई। आज परिवादी एक लाख रुपए रिश्वत की रकम लेकर गया। जिसे उसने पार्षद मनोज को दे दिया। मनोज रिश्वत की रकम लेकर नगर परिषद कमिश्नर विनयपाल सिंह के पास गया। तभी ईशारा मिलते ही एएसपी देशराज यादव के नेतृत्व में टीम ने नगर परिषद कमिश्नर विनयपाल सिंह और पार्षद मनोज कुमावत को धरदबोचा। एसीबी की इस कार्रवाई से झुंझुनूं के राजनीतिक व प्रशासनिक महकमे में हलचल मच गई।