अस्पताल में मारपीट के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ खुले में बातचीत (ओपन मीटिंग) के लिए तैयार हैं। ममता ने शनिवार को हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों की सभी मांगें पूरी करने का ऐलान किया था। इसके बाद जूनियर डॉक्टरों के जॉइंट फोरम ने कहा कि मुख्यमंत्री ने हमें सचिवालय में बंद दरवाजे के अंदर बातचीत के लिए बुलाया था। लेकिन उन्हें एनआरएस मेडिकल कॉलेज आना होगा और ओपन मीटिंग में विवाद सुलझाने होंगे। डॉक्टरों ने कहा कि हम बातचीत के बाद काम शुरू करने के लिए उत्सुक हैं, लेकिन ममता की तरफ से कोई भी सही कदम नहीं उठाया जा रहा। लगता है मुख्यमंत्री इस विवाद को निपटाने के लिए ईमानदारी से काम नहीं कर रहीं। ममता ने डॉक्टरों की सभी मांगें मानी शनिवार को ही ममता ने मारपीट को लेकर पांच दिन से हड़ताल पर बैठे जूनियर डॉक्टरों की सभी मांगें स्वीकार कर लीं। उन्होंने डॉक्टरों से हड़ताल खत्म कर काम पर लौटने की अपील भी की थी। ममता ने 10 जून को एनआरएस मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर के साथ हुई मारपीट की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार सभी जरूरी कदम उठाने के लिए तैयार है। निजी अस्पतालों में भर्ती जूनियर डॉक्टरों के इलाज का खर्च भी उठाएंगे। किसी डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई नहीं करेंगे। ‘गृह मंत्रालय एक एडवाइजरी गुजरात-उत्तरप्रदेश भी भेजे’ गृह मंत्रालय ने एक एडवाइजरी जारी कर ममता से बंगाल में फैली हिंसा पर जवाब मांगा था। इस पर ममता ने कहा कि गृह मंत्रालय ने बंगाल में हिंसा देखकर एडवाइजरी भेज दी, जरा एक एडवाइजरी उत्तर प्रदेश और गुजरात में भी भेज दीजिए। उन्होंने कहा कि गुजरात और उत्तर प्रदेश में भी एक साल के अंदर हत्याओं के मामले काफी बढ़े हैं।