मस्तिष्क ज्वर या एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) बीमारी बच्चों पर काल बनकर टूट रही है। बिहार में रविवार देर रात तक और 28 बच्चों की मौत हो गई। मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में 18, केजरीवाल अस्पताल में तीन, वैशाली में चार और मोतिहारी में तीन बच्चों की मौत हो गई। मई-जून में अब तक राज्य में 122 बच्चों की जान जा चुकी है। पिछले 10 सालों में बिहार में 471 बच्चे इस बीमारी से मारे जा चुके हैं। केंद्र ने अब जाकर यहां बच्चों की मौत के कारणों का पता लगाने और इलाज की व्यवस्था देखने के लिए एक रिसर्च सेंटर बनाने का ऐलान किया। रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच पहुंचे। वे तकरीबन 5 घंटे तक अस्पताल में रहे। खुद 100 मरीजों की केस हिस्ट्री स्टडी की। हर्षवर्धन ने कहा कि बीमारी की वजह जानने के लिए मुजफ्फरपुर में एक रिसर्च सेंटर बनाया जाएगा। इसे एक साल में पूरा किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, मुजफ्फरपुर के केजरीवाल अस्पताल और एसकेएमसीएच में अब तक 91 बच्चों की मौत हो चुकी है।