कर्नाटक में जारी राजनीतिक संकट के बीच कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने कहा कि कुमारस्वामी सरकार गुरुवार यानी 18 जुलाई को 11 बजे विश्वास मत साबित करेगी। हालांकि, भाजपा ने सोमवार को मुख्यमंत्री कुमारस्वामी से विश्वास मत साबित करने की मांग की। कांग्रेस और जेडीएस के 16 विधायक इस्तीफा सौंप चुके हैं। हालांकि, स्पीकर रमेश कुमार ने अभी तक फैसला नहीं लिया। उधर, सभी बागी विधायक स्पीकर के इस्तीफे स्वीकार ना करने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं। इस मामले में अगली सुनवाई मंगलवार को होनी है। अदालत ने तब तक यथास्थिति रखने का फैसला किया है। ऐसे में अभी तय नहीं है कि कुमारस्वामी सरकार यथास्थिति में बहुमत साबित करती है या स्पीकर के फैसले के बाद। यथास्थिति में विश्वासमत साबित करने पर क्या होगा? पहली: 16 बागी विधायक सरकार के खिलाफ वोटिंग करें। इस स्थिति में सरकार के पक्ष में 100 वोट पड़ेंगे। ये संख्या बहुमत के लिए जरूरी 112 के आंकड़े से कम है। ऐसे में कुमारस्वामी सरकार सदन में विश्वासमत खो देगी। सरकार के खिलाफ वोट करने पर बागियों की सदस्यता खत्म हो जाएगी। दूसरी: बागी विधायक सदन से अनुपस्थित रहें। इस स्थिति में विश्वासमत के समय सदन में सदस्य संख्या 207 रह जाएगी। बहुमत के लिए जरूरी आंकड़ा 104 का हो जाएगा। लेकिन, बागियों की अनुपस्थिति में सरकार के पक्ष में केवल 100 वोट पड़ेंगे और सरकार गिर जाएगी। तीसरी: बागियों के इस्तीफे मंजूर हो जाएं। इस स्थिति में भी सरकार को बहुमत के लिए 104 विधायकों की जरूरत होगी, जो उसके पास नहीं होंगे। सरकार गिर जाएगी। चौथी: अगर विधानसभा अध्यक्ष बागियों को अयोग्य ठहरा देते हैं तो भी सदन में विश्वासमत के वक्त सरकार को बहुमत के लिए 104 का आंकड़ा चाहिए। यह उसके पास नहीं होगा। ऐसे में भी सरकार गिर जाएगी।