कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार रात लगातार ट्वीट किए। इसमें उन्होंने कहा- यदि पीड़ितों से मिलने के लिए सरकार मुझे जेल में डालना चाहें तो मैं इसके लिए भी तैयार हूं। दरअसल, प्रियंका सोनभद्र हत्याकांड के पीड़ितों से मिलने जाना चाहती थीं, मगर पुलिस और प्रशासन ने उन्हें शुक्रवार को मिर्जापुर के नारायणपुर गांव में ही रोक लिया था। बाद में प्रियंका को चुनार गेस्ट हाउस ले जाया गया। प्रियंका ने शनिवार को कहा- गेस्ट हाउस में मुझे 24 घंटे हो गए हैं। क्या उनका (सरकार) का एक भी आदमी सोनभद्र आया। मैं प्रशासन से यही कहना चाहती हूं वे जहां चाहें (सोनभद्र या वाराणसी) पीड़ितों के परिजन से मुलाकात करवाएं। पीड़ितों से मिले बिना मैं नहीं जाऊंगी। प्रियंका ने पुलिस से पूछा- आखिर रोक क्यों रहे है। कोई तो वजह होनी चाहिए। कोई दस्तावेज दिखाइए। पुलिस ने कहा- पता करते हैं। बुधवार को सोनभद्र में गांव के मुखिया और उसके समर्थकों ने आदिवासियों की जमीन पर कब्जा करने का प्रयास किया था।विरोध करने पर 10 आदिवासियों को मार दिया गया। यह मामला घोरवाल जिले में यह 90 बीघा विवादित जमीन का था। तृणमूल प्रतिनिधिमंडल बनारस में हिरासत में उधर, तृणमूल कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार को बनारस पहुंचा, जिसे एयरपोर्ट पर ही हिरासत में ले लिया गया। ये लोग भी सोनभद्र जाना चाहते थे। प्रतिनिधिमंडल में तीन सांसद और 2 विधायक हैं। एयरपोर्ट छावनी में तब्दील हो गया है। एयरपोर्ट पर उच्चाधिकारी भी मौजूद हैं। सोनभद्र के कमिश्नर ने जिले में बाहरी नेताओं के प्रवेश पर रोक लगा दी है और पूरी घटना की जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप दी है। ‘मुश्किलें नहीं सहेंगी तो संघर्ष कैसे करेंगी’ डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा- यह (सोनभद्र हत्याकांड) कांग्रेस के समय का ही पाप है जो उजागर हो रहा है। हमने तो अभी ही कांग्रेस को हराकर भेजा है। हमें डर क्यों लगेगा? बताया गया कि गेस्ट हाउस में बिजली-पानी कट गया था। हालांकि प्रशासन की तरफ से ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। अगर ऐसा हुआ भी तो इतनी सी मुश्किलें नहीं सह पाएंगी तो संघर्ष कैसे करेंगी।