कांग्रेस नेता राहुल गांधी आठ दलों के 11 विपक्षी नेताओं के साथ शनिवार को श्रीनगर पहुंचे, लेकिन प्रशासन ने उन्हें एयरपोर्ट से आगे नहीं बढ़ने दिया। इस दौरान हंगामे की स्थिति बन गई और सभी नेताओं को दिल्ली वापस भेज दिया गया। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पहली बार विपक्षी नेताओं का प्रतिनिधिमंडल राज्य के दौरे पर गया था। दिल्ली लौटने पर राहुल ने कहा कि कश्मीर के हालात सामान्य नहीं है, इसीलिए हमें लोगों से मिलने से रोका। इससे पहले प्रशासन की ओर से कहा गया कि नेता राज्य का दौरा करने न आएं। उनके आने से शांति व्यवस्था बनाए रखने की कोशिशों में खलल पड़ सकता है। राहुल गांधी ने कहा, “कुछ दिन पहले राज्यपाल ने मुझे जम्मू-कश्मीर आने का न्यौता दिया था। हम लोग यह महसूस करना चाहते थे कि वहां पर लोगों के साथ क्या हो रहा है। लेकिन हमें श्रीनगर एयरपोर्ट से बाहर जाने की अनुमति नहीं दी गई। हमारे साथ बदसलूकी हुई और मीडियाकर्मियों को पीटा गया। इससे साफ है कि जम्मू-कश्मीर के हालात सामान्य नहीं हैं। वहीं, गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कश्मीर की स्थिति खौफनाक बनी हुई है। विमान में हमारे साथ मौजूद कश्मीर के कुछ यात्रियों ने अपना दुखड़ा सुनाया। स्थिति ऐसी है कि उसे सुनकर पत्थरों को भी रोना आ जाए। कई दलों के नेता प्रतिनिधिमंडल में शामिल राहुल के अलावा विपक्ष के प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, केसी वेणुगोपाल, माकापा नेता सीताराम येचुरी, लोकतांत्रिक जनता दल के नेता शरद यादव, द्रमुक नेता तिरुची शिवा, राकांपा नेता माजिद मेमन, भाकपा नेता डी राजा, तृणमूल नेता दिनेश त्रिवेदी और राजद के मनोज झा शामिल थे। अनुमति मिलने पर अन्य हिस्सों में जा सकते हैं अगर प्रतिनिधिमंडल को अनुमति दी जाएगी, तो ये राज्य के अन्य हिस्सों में भी जा सकते हैं। अभी तक, अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद से राज्य में किसी भी राजनीतिक दल के नेता को जाने की अनुमति नहीं दी गई थी। स्थानीय नेताओं पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को नजरबंद रखा गया है। राहुल-मलिक के बीच बहस हो चुकी है इससे पहले, कांग्रेस के सांसद गुलाम नबी आजाद को राज्य में प्रवेश नहीं दिया गया था और उन्हें दो बार जाने से रोका गया था। डी राजा को भी श्रीनगर एयरपोर्ट से वापस भेज दिया गया था। राहुल गांधी और राज्यपाल सत्यपाल मलिक के बीच राज्य का दौरा करने को लेकर ट्विटर पर बहस भी हो गई थी।