प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी गुरुवार को धार्मिक नगरी अयोध्या पहुंचे। उन्होंने हनुमान गढ़ी के दर्शन किए। इस दौरान कहा कि भारत ही नहीं पूरे विश्व में हिंदुओं को भरोसा है कि जहां राम लला विराजमान हैं, वहां भव्य राम मंदिर का निर्माण होगा। योजनाओं का बखान करते हुए कहा कि, योगी सरकार का लक्ष्य है कि बेसिक स्कूल अभिभावकों की पहली पसंद बने। बेसिक स्कूलों के कायाकल्प की जितनी योजनाएं चल रही हैं, उनका पूरा ब्यौरा अब सरकार के पास होगा। स्कलों में मिड-डे-मील व टीचर्स की हाजिरी की जांच के लिए मंडल स्तर पर उड़न दस्ते का गठन किया जा रहा है। मंत्री ने कहा कि, नगर क्षेत्र में शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए जल्द भर्ती का अभियान शुरू किया जा रहा है। स्कूलों में कितने पद खाली हैं उनकी रिपोर्ट मंगा ली गई है। उसका विज्ञापन जल्द निकलवा कर भर्तियां की जाएंगी। मंत्री ने कहा कि अब हमारी कोशिश है कि बेसिक शिक्षा विभाग की सारी योजनाएं सफलतापूर्वक धरातल पर उतरें। उन्होंने माना कि अभी तक सरकार के पास सही आंकड़े नहीं थे। कहां कितने शिक्षक हैं? बिल्डिंग है कि नहीं? इत्यादि। इसके लिए प्रेरणा, निष्ठा, दीक्षा ऐप और मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से पूरे प्रदेश के सर्वे सितंबर तक पूरे कर लिए जाएंगे। कायाकल्प योजना केवल अभी तक ग्रामीण विद्यालयों में लागू थी। जिसमें ग्राम प्रधान को अपने मेंटेनेंस का आधा फंड देना पड़ता था। यह योजना अब नगरीय विद्यालयों में भी लागू की जा रहें हैं। उन्होने बताया कि अनुदेशकों को प्रदेश सरकार से 1470 रूपए मानदेय मिलते हैं। सरकार इसमें कोई कटौती नहीं करने जा रही है। अनुदेशकों की भर्ती भारत सरकार की योजना में हुई थी। बीच में उनके मानदेय को लेकर माननीय न्यायालय ने कुछ निर्णय दिए थे। लेकिन फिर से मामला कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स जो कि भारत सरकार का है वहां पर गया, तो 7000 मानदेय की व्यवस्था की गई। इसमें 1470 रुपए यूपी सरकार दे रही है। इसमें कटौती नहीं की जाएगी। यह प्रस्ताव वित्त विभाग को भेज दिया गया है। उन्होंने कहा विद्यालयों में जो सीनियर मोस्ट होगा उसीको प्रधानाचार्य बनाया जाएगा।