शुक्रवार सुबह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पूर्व राजस्थान पीसीसी के अध्यक्ष नाथूराम मिर्धा की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि देने पार्टी दफ्तर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि भामाशाह योजना में बहुत भयंकर करप्शन हुआ है, प्राइवेट सेक्टर के कई अस्पतालों ने अच्छा काम किया है तो कई ने भारी धांधली की। हमने तय किया है भामाशाह के तमाम जो बेनिफिशियरी हैं उनको कोई नुकसान नहीं हो। आयुष्मान भारत का जो फॉर्मूला है, उसको लागू करें तो दोनों को मिलाकर लाभार्थियों की संख्या बढ़ जाएगी। अशोक गहलोत ने कहा कि धारा 370 के बारे में सभी अपने विचार व्यक्त कर चुके हैं, अब इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए कि वहां कैसे शांति स्थापित हो। पूरा देश इन्तजार कर रहा है तमाम जो पाबंदी वहां लगी हुई है, वो हटेगी और सब नॉर्मल होगा। देश की जनता चाहती है,जल्द से जल्द स्थिति सामान्य हो। इसके साथ उन्होंने कहा कि भामाशाह योजना में बहुत भयंकर करप्शन हुआ है, प्राइवेट सेक्टर के कई अस्पतालों ने अच्छा काम किया है तो कई ने भारी धांधली की है। सरकार का अनावश्यक पैसा जा रहा है फिर भी हमने तय किया है भामाशाह के तमाम जो बेनिफिशियरी हैं उनको कोई नुकसान नहीं हो। आयुष्मान भारत का जो फॉर्मूला है, उसको लागू करें तो दोनों को मिलाकर लाभार्थियों की संख्या बढ़ जाएगी। लाभार्थी परिवारों की संख्या वर्तमान में संचालित भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के लगभग 1 करोड़ परिवारों से बढ़कर 1 करोड़ 10 लाख से अधिक हो जाएगी। इसलिए हम भामाशाह योजना को बंद कर आयुष्मान भारत योजना को प्रारंभ कर रहे हैं। क्या थी भामाशाह योजना पिछली सरकार ने सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे और पारदर्शी तरीके से पहुंचाने के लिए 15 अगस्त 2014 से भामाशाह योजना की शुरूआत की गई थी। योजना में महिला को परिवार की मुखिया बनाकर परिवार के बैंक खाते उनके नाम पर खोले गये थे। परिवार को मिलने वाले सभी सरकारी नकद लाभ सरकार सीधा इसी खाते में दे जाती थी। जिसमें राशन से लेकर मेडिकल बीमा तक शामिल किया गया था।