ईरान ने ब्रिटेन के जहाज स्टेना इम्पेरो के सात क्रू सदस्यों को रिहा करने का निर्णय लिया है। ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्बास मौसवी ने कहा, “भारतीय नागरिकों सहित सात लोगों को मानवीय आधार पर टैंकर छोड़ने की अनुमति दी गई है। वे जल्द ही ईरान से बाहर चले जाएंगे। हमें जहाज के क्रू और कैप्टन से किसी भी प्रकार की समस्या नहीं है।” इससे पहले, 15 अगस्त को भी तेल टैंकर पर सवार एक भारतीय कैप्टन समेत चार क्रू मेंबर्स को रिहा किया गया था। जिब्राल्टर के अधिकारियों ने इन क्रू मेंबर्स को सभी आरोपों से बरी कर दिया था। स्टेना इम्पेरो जहाज को अंतरराष्ट्रीय नैविगेशन नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में 19 जुलाई को ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स ने होरमुज स्ट्रेट में कब्जे में ले लिया था। उस समय जहाज पर 18 भारतीय क्रू सदस्यों समेत कुल 23 लोग सवार थे। जहाज को अगस्त में ही रिहा कर दिया गया था, जबकि उसके क्रू को गिरफ्तार कर लिया गया था। जहाज के मालिक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांगी थी मदद स्टेना इम्पेरो का संचालन करने वाली शिपिंग कंपनी स्टेना बल्क के सीईओ और अध्यक्ष एरिक हानेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ईरान के कब्जे से जहाज और उस पर सवार 23 क्रू मेंबर्स छुड़ाने के लिए मदद की गुहार लगाई थी। उन्होंने मोदी से कहा था कि इस मामले में हस्तक्षेप करें और जल्द क्रू को रिहा करने के लिए बात करें। अपने एक पत्र में हानेल ने कहा था कि कर्मचारी बिना किसी वजह के बंद हैं जिससे उनके परिजन परेशान हैं।