मथुरा।पाक महीने में शुरुआत में अब अधिक दिन नहीं हैं। चांद निकलने पर रोजे और इबादत का आगाज तीन दिन बाद हो सकता है। खुदा के बंदों ने मस्जिदों के साथ घरों में तैयारियां शुरु कर दी हैं। रोजेदारों की खिदमत के लिये बाजार भी सज-संवर कर तैयार हैं। हर तरफ जोश संग उल्लास बिखर रहा है, लेकिन महंगाई के कारण कुछ चेहरे उदास भी हैं। रमजान का आगाज आमतौर पर जुलाई अगस्त महीने में होता है। इसकी तिथि मुकर्रर नहीं हैं। जिस दिन चांद दिखाई देता हैं और मुफ्ती घोषणा कर देते हैं पाक रमजान की इबादत शुरु हो जाती है। इससे दो दिन पूर्व तराबी शुरु हो जाती है। इसमें मस्जिदों के इमाम दो-ढाई घंटे नमाज अदा कराते हैं। जानकार बताते हैं कि तराबी का आगाज 29 जून को होने की उम्मीद है। इस बार रोजेदारों को गर्मी की शिद्दत के साथ-साथ महंगाई से भी जेब ढीली करनी होगी। इस साल खजूर से लेकर रस-फेनी तक महंगे हो गए हैं। खुदाई खिदमतगारों में उत्साह की कमी नहीं है। सामान की खरीद भी शुरु हो गई है। ईदगाह, शहर की सभी मस्जिदों के साथ घरों में भी रंगाई पुताई जोरशोर से की जा रही है। अनेक जगह तो सज-संवर कर तैयार भी हो चुकी हैं। इसके बावजूद कुछ चेहरे महंगाई की वजह से उदास हैं। पाक त्यौहार पर इसका असर पड़ने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। समाज के आर्थिक रूप से तंगहाल मुरीद पीड़ा का अनुभव कर सकते हैं। -जोर का है तड़का- पिछले साल मैदा 15 से 16 रुपये किलो थी, जो अब 19 से बीस रुपये किलो हो गई। इसके अलावा सऊ दी अरब, ईरान से आने वाली खजूर के साथ ही फल-सब्जियों के दामों में भी दस फीसदी की वृद्धि हुई है। बाजार में हालात अब यह है कि कमजोर वर्ग दांतों तले ऊ गली भी दबा रहा है। ईरानी खजूर 100-75 किग्रा. कीमिया खजूर 140-160 बैड खजूर 90-120 अजवा खजूर 2000-2500 सेब 80-100-250 आम 20-25-30-40 सेवई बरेली 70-80 सेवई वाराणसी 80-100 सेवई इलाहाबाद 80-100 खजुला 80-100 रस 40-55 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहे हैं। मालूम हो मैदा, रिफाइन्ड और घी के दामों में इजाफा होने के चलते सेवई-खजुला और बिस्कुट के दाम बढ़े हैं।