उत्तर प्रदेश के लॉ कॉलेज की छात्रा के यौन शोषण के मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) ने पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री और भाजपा नेता चिन्मयानंद को गिरफ्तार कर लिया। इसके लिए टीम शुक्रवार सुबह उसके आश्रम पहुंची थी। यहीं से गिरफ्तारी हुई। अदालत ने चिन्मयानंद को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर एसआईटी इस मामले की जांच कर रही है। पिछले दिनों पीड़िता ने एक पैन ड्राइव में सबूत जांच अधिकारियों को सौंपे थे। बुधवार रात चिन्मयानंद को तबीयत खराब होने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पीड़िता ने गिरफ्तारी नहीं होने पर सवाल उठाए थे इससे पहले छात्रा बुधवार को पिता और भाई के साथ हाईकोर्ट पहुंची थी। पीड़िता ने पूरे मामले में एसआईटी पर लापरवाही का आरोप लगाया था। उसने कहा था, ''हमें जांच पर भरोसा नहीं है, क्योंकि सोमवार को मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज होने के बाद भी एसआईटी कुछ नहीं बता रही है। अगर चिन्मयानंद की गिरफ्तारी नहीं हुई तो खुद को आग लगाकर जान दे दूंगी। चिन्मयानंद जेल जाने के डर से बीमारी का बहाना बना रहे हैं।'' छात्रा ने 24 अगस्त को वीडियो पोस्ट कर आरोप लगाए थे स्वामी सुखदेवानंद विधि महाविद्यालय में एलएलएम की छात्रा ने 24 अगस्त को एक वीडियो पोस्ट किया था। इसमें उसने कहा था कि एक संन्यासी ने कई लड़कियों की जिंदगी बर्बाद कर दी है और उसे और उसके परिवार को इस संन्यासी से जान का खतरा है। उसके बाद लड़की के पिता ने चिन्मयानंद के खिलाफ दुष्कर्म और शारीरिक शोषण की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए तहरीर दी थी, लेकिन पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया था। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था। चिन्मयानंद से आरोपों को साजिश बताया था इससे पहले स्वामी चिन्मयानंद ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गठित एसआईटी पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर रही है और उन्हें उस पर पूरा भरोसा है। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ साजिश हो रही है और एसआईटी की जांच के बाद सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा।