राज्यपाल कलराज मिश्र ने प्रदेश के बाढ़ प्रभावित इलाकों के लिए राज्यपाल रिलीफ फंड से 50 लाख रुपए देने की घोषणा की है। राज्यपाल ने मध्यप्रदेश से सटे हाड़ौती के बाढ़ प्रभावित कोटा, झालावाड़, बारां और बूंदी जिलों का का हवाई दौरा किया। राज्यपाल ने अधिकारियों से बात का बाढ़ व इन इलाकों में चलाए जा रहे राहत कार्यों के बारे में जानकारी ली। दौरा करने के बाद राज्यपाल मीडिया से मुखातिब हुए। उन्होंने राहत कार्यों पर संतुष्टि जताई। कलराज ने प्रभावित क्षेत्रों के लिए राज्यपाल रिलीफ फंड से 50 लाख रुपए देने की घोषणा भी की। इसमें बाढ़ प्रभावित कोटा जिले के लिए 15 लाख, बूंदी के लिए 5 लाख, झालावाड़-बारां और धौलपुर के लिए 10-10 लाख रुपए देने की घोषणा की। उल्लेखनीय है कि इस बार मध्यप्रदेश में लगातार हुई बारिश से कोटा बैराज, राणा प्रताप सागर बांध तथा आस-पास के छोटे-बड़े बांधों से लाखों क्यूसैक पानी छोड़े जाने से यहां कई कॉलोनियों में पानी भर गया। कोटा में कई जगहों पर 10 फीट से अधिक पानी भर जाने से हालात भयावह हो गए। कच्चे मकान ढह जाने व घरों में पानी घुस जाने से करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है। वहीं फसलें भी बर्बाद हो गईं। वहीं प्रदेश में अच्छी बारिश होने से चंबल, पार्वती, कालीसिंध सहित कई नदियां-नाले उफान पर हैं। मुख्यमंत्री ने 16 सितंबर को कोटा-झालावाड़ का दौरा किया था। प्रदेश में मानसून इस बार जमकर मेहरबान रहा। अब तक प्रदेश में 729.20 मिमी बारिश हो चुकी है, जो औसत से 41.7 फीसदी ज्यादा है। पिछले तीन दशक में यह तीसरा मौका है, जब 700 मिमी से ज्यादा बारिश हुई है। इससे पहले वर्ष 1996 में 718.60 मिमी और 2011 में 737.60 मिमी बारिश हुई थी। हालांकि, इससे पहले महज एक बार 1917 में 1079 मिमी बारिश हुई थी। बारिश इस बार 2011 का रिकॉर्ड तोड़ने की और है, क्योंकि मौसम विभाग का दावा है कि हर साल 15 से 20 सितंबर के बीच विदा होने वाला मानसून इस बार एक हफ्ते की देरी से विदा होने की संभावना है। प्रदेश में इस बार 5 जिलों को छोड़कर लगभग सभी जगह झमाझम बारिश हुई है। 33 में से 8 जिलों में तो औसत से 60 फीसदी ज्यादा यानी असामान्य बारिश दर्ज की गई। 20 जिलों में सामान्य या इससे ज्यादा तथा 5 में औसत से कम बारिश हुई है। सबसे अधिक प्रतापगढ़ जिले में बारिश का आंकड़ा 1511 मिमी यानी सामान्य से 86 फीसदी ज्यादा के पार चला गया। पिछले साल एक भी जिले में असामान्य बारिश नहीं हुई थी।